पर्यटन

Published: Nov 21, 2021 10:37 AM IST

India's Cleanest Riverभारत की सबसे स्वच्छ नदी, कांच की तरह दिखता है अंदर का नजारा, देखें तस्वीरें

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
(फोटो- ट्विटर)

नई दिल्ली: वर्तमान में जल प्रदूषण की वजह से देश के सभी नदियों (Rivers) का हाल कैसा है ये हम सब जानते है। जहां बात करें गंगा की तो उसकी सफाई के लिए सरकार करोड़ों रुपये खर्च कर रही है। इसके बाद अब भी गंगा पूरी तरह साफ नहीं हो पाई है। जल प्रदूषण को लेकर लोगों में अब भी जागरूकता की कमी है। हमारे प्राकृतिक स्रोतों को कैसे बचाना चाहिए यह हम सब की जिम्मेदारी है।

लेकिन आज इन सबके बीच में हम आपको एक ऐसी अच्छी खबर बताने जा रहे है जिसे जानकर आपको भी अपने गांव और शहर की नदी और भी बाकी जलाशयों को साफ रखने की प्रेरणा मिलेगी। तो चलिए जानते है देश की सबसे स्वच्छ नदी (India’s Cleanest River) के बारे में…..  

नदी की तस्वीरें हुई वायरल 

दरअसल देश की सबसे स्वच्छ नदी की बात करें तो ये भारत (India) की ‘उमंगोट’ (Umngot) नदी है। इस नदी को देखकर आप बस देखते ही रह जायेंगे। इस नदी की तस्वीरें सोशल मीडिया पर बहुत ही तेजी से वायरल हो रही है। इतना ही नहीं इन तस्वीरों को लोग शेयर भी कर रहे है। आपको बता दें कि मेघालय की ‘उमंगोट’ नदी का पानी इतना साफ है कि कांच की तरह लोग इसके आरपार देख सकते है। 

कांच की तरह दिखता है साफ 

बता दें कि इस ‘उमंगोट’ नदी का पानी इतना साफ है। इतना साफ की पानी के नीचे का एक-एक पत्थर क्रिस्टल क्लियर दिखाई देता है। आपको बता दें कि इसमें गंदगी का एक नामोनिशान नहीं है। वहां नदी में तैरती नावें ऐसी दिखती है मानो वो हवा में तैर रही हो। बता दें कि देश की सबसे स्वच्छ नदी मेघालय की राजधानी शिलॉन्ग से 95 किमी दूर भारत-बांग्लादेश सीमा के पास पूर्वी जयंतिया हिल्स में यह नदी बहती है। 

ऐसे रखते है नदी साफ 

जहां बात करें नदी को साफ करने की तो यह अच्छी बात हमें मेघालय के लोगों से सीखना चाहिए। यह देश की सबसे स्वच्छ नदी उमंगोट नदी मेघालय के तीन गांवों दावकी, दारंग और शेंनान्गडेंग से होकर बहती है। बता दें कि इन तीन गांवों में 300 से ज्यादा घर हैं। खासी समुदाय के लोग मिलकर इस नदी की सफाई करते हैं। खासी यहां का एक प्रमुख आदिवासी समुदाय है। 

सफाई को मानते है संस्कार 

आपको बता दें कि खासी समुदाय के लोग हर दिन नदियों की सफाई में योगदान करते हैं। नदियों को साफ रखने की परंपरा यहां एक जमाने से चली आ रही है। वर्तमान में जो लोग नदियों की सफाई करते हैं, उनकी पुरखें भी सफाई को अपना संस्कार मानते हुए ऐसा करती थीं। इसलिए आज भी  अनमोल संस्कार को लेकर खासी समुदाय आगे बढ़ रहा है। 

गंदगी फ़ैलाने पर होता है जुर्माना 

दरसअल एक महीने में तीन से चार दिन कम्युनिटी डे के तय किये जाते हैं। इन दिनों में गांव के हर घर से कम से कम एक व्यक्ति नदी की सफाई के लिए आगे आता है और हाथ बंटाता है। सामूहिक तौर पर भाईचारे के साथ लोग इस नदी को साफ रखते हैं। यही नहीं, गंदगी फैलाने पर 5000 रुपये तक का जुर्माना भी निर्धारित किया गया है।

नवंबर से अप्रैल के बीच पर्यटक यहां बोटिंग और प्रकृति की खूबसूरती का आनंद लेने आते हैं। आज ये नदी और वह स्थित लोग हम सबके लिए एक आदर्श है ताकि हम भी अपने आसपास की नदियों और बाकी जलाशयों को साफ रखें और प्राकृतिक संपत्ति का संरक्षण करें।