पर्यटन

Published: Sep 22, 2020 04:06 PM IST

पर्यटनदक्षिण भारत का लोकप्रिय पर्यटन स्थल पांडिचेरी

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

पांडिचेरी दक्षिण भारत के सबसे लोकप्रिय पर्यटन स्थलों में से एक है। यह शहर बंगाल की खाड़ी के कोरोमंडल तट पर स्थित है। एक पौराणिक कथा के अनुसार पांडिचेरी को वेदपुरी नाम से जाना जाता था और इस स्थान को पूज्य ऋषि संत अगस्त्य का निवास भी माना जाता है। पांडिचेरी अपने आकर्षक पर्यटन स्थलों के लिए भी जाना जाता है। तो आइए जानते हैं यहां के पर्यटन स्थलों के बारे में…

पैराडाइज़ बीच–  पैराडाइज़ बीच शहर के पास चुन्नमबार में स्थित है। सुनहरी रेत से सजा हुआ यह तट पर्यटकों को बेहद आकर्षित करता है। यहां की रेत बहुत ही नरम और दानेदार है। इस बीज के पास आप कई तरह के पक्षियों को देख सकते हैं और फोटोग्राफी के शौकीन लोग यहां कुछ शानदार तस्वीरें क्लिक कर सकते हैं। आप समुद्र तट पर बैठकर लहरों का आनंद ले सकते हैं। यहां विभिन्न प्रकार के वॉटर स्पोर्ट्स का मज़ा भी ले सकते हैं।

ऑरोविले-

ऑरोविले को एक ‘यूनिवर्सल टाउन’ भी कहा जाता है। यहां पर सभी संस्कृतियों और परंपराओं के दुनिया भर से लोग शांति से रहते हैं। ऑरोविले को 1968 में अरबिंदो की शिष्या मिर्रा अलफासा द्वारा स्थापित किया गया था। इस सर्वभौमिक टाउनशिप का उद्घाटन 28 फरवरी 1968 को किया गया था। यह एक ऐसा स्थान है जहां पर लोग अपनी जाति, सम्प्रदाय, राष्ट्रीयता को भूल कर निर्बाध शिक्षा और प्रगति का केंद्र बनाने के लिए पर्याप्त रूप से तैयार होते हैं। साथ ही आपको बता दें कि वर्तमान में 195 से अधिक देशों के 2,800 से अधिक लोग इस टाउनशिप के आधिकारिक निवासी हैं।  

अरबिंदो आश्रम-

पांडिचेरी में स्थित अरबिंदो आश्रम एक प्रसिद्ध स्थल है, जिसका नाम इसके निर्माता श्री अरबिंदो घोष के नाम पर रखा गया है। यह आश्रम लोगों को मोक्ष और आंतरिक शांति प्राप्त करने में मदद करने के लिए स्थापित किया गया था। अपने मन को शांति प्रदान करने के लिए बड़ी संख्या में पर्यटक आश्रम में आते हैं। 

गोकिलमबल थिरुक्मेश्वर मंदिर-

गोकिलमबल थिरुक्मेश्वर मंदिर एक बहुत ही सुंदर मंदिर है, जो भगवान शिव को समर्पित है। पर्यटक इस मंदिर पर फ्रांसीसी प्रभाव को स्पष्ट रूप से देख सकते हैं। मंदिर में आयोजित होने वाला एक कार महोत्सव (Festival) में स्पष्ट रूप से फ्रांसीसी विरासत के संबंध को दर्शाता है। इस उत्सव में शहर की सड़कों पर भक्तों द्वारा 15 मीटर ऊंचा रथ खींचा जाता है।