वास्तु-ज्योतिष
Published: Jan 16, 2023 06:00 PM ISTBasant Panchami 2023'बसंत पंचमी' के दिन अपने घर इस दिशा में स्थापित करें मां शारदे की प्रतिमा, ध्यान रहे इस मुद्रा वाली देवी न हों
सीमा कुमारी
नई दिल्ली: इस साल ‘बसंत पंचमी’ (Basant Panchami) का पावन पर्व 26 जनवरी को है। इस दिन ज्ञान, वाणी, बुद्धि, विवेक, विद्या और सभी कलाओं से परिपूर्ण मां सरस्वती की पूजा-अर्चना की जाती है। ये दिन शिक्षा एवं कला से जुड़े लोगों के लिए बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन मां की आराधना करने से उनकी विशेष कृपा प्राप्त होती है। बसंत पंचमी के शुभ अवसर पर लोग मां सरस्वती की प्रतिमा या तस्वीरों की खरीदारी करते हैं। ऐसे में श्रद्धालुओं को यह जानना जरूरी है कि उनकी प्रतिमा या तस्वीरों को वास्तु-शास्त्र के हिसाब से किस दिशा में लगाएं। इन नियमों का पालन करने से मां की असीम कृपा श्रद्धालुओं पर सदैव बनी रह सकती है। आइए जानें उन नियमों के बारे में-
वास्तु-शास्त्र के अनुसार, यदि घर में पूर्व या उत्तर दिशा में स्थान खाली न हो तो आप मां सरस्वती की कृपा पाने के लिए वसंत पंचमी के दिन घर में ईशान कोण को साफ करके मां सरस्वती की प्रतिमा स्थापित करके पूजा कर सकते हैं।
वास्तु-शास्त्र की मानें तो मां सरस्वती की मूर्ति हमेशा सौम्य, सुंदर और आशीर्वाद वाली मुद्रा में होनी चाहिए। साथ ही मूर्ति खरीदते समय ध्यान दें कि प्रतिमा खंडित ना हो। बसंत पंचमी की पूजा करते समय पूजा स्थल पर भूलकर भी मां सरस्वती की दो प्रतिमा स्थापित न करें।
ज्योतिषियों के अनुसार, मां सरस्वती की प्रतिमा खड़ी हुई मुद्रा में नहीं होनी चाहिए। ऐसी प्रतिमा स्थापित करना शुभ नहीं माना जाता है। उनकी हमेशा कमल पुष्प पर विराजमान मुद्रा में प्रतिमा या फोटो घर में लानी चाहिए।
शिक्षा संबंधी कार्यों में सफलता प्राप्त करने के लिए वसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती का चित्र या मूर्ति घर की पूर्व या उत्तर दिशा में लगाएं। ऐसा करने से आपके सभी कार्य बिना बाधा के पूर्ण होने लगेंगे।