साल 2023 की पहली ‘मासिक शिवरात्रि’ इस दिन, इस शुभ मुहूर्त में करें निश्छल भाव से पूजा, सभी बाधाएं होंगी दूर जीवन की

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    सीमा कुमारी

    इस वर्ष माघ महीने की ‘मासिक शिवरात्रि’ (Masik Shivratri) 20 जनवरी, शुक्रवार को है। यह पावन तिथि भगवान शिव को समर्पित होता है। पंचांग के अनुसार, हर महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को ‘मासिक शिवरात्रि’ का व्रत रखा जाता है। इस दिन देवों के देव भगवान भोलेनाथ की पूजा-अर्चना की जाती है। मान्यता है कि जो भी श्रद्धालु सद्हृदय मन से इस दिन व्रत और भगवान शिव की आराधना करता है। भोलेनाथ उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं।और मनवांछित फल देते हैं। आइए जानें ‘माघ शिवरात्रि’ की तिथि, पूजा मुहूर्त और महत्व –

    तिथि

    पंचांग के अनुसार, इस साल माघ माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि 20 जनवरी दिन शुक्रवार को सुबह 9 बजकर 59 मिनट पर शुरू हो रही है। अगले दिन ये तिथि 21 जनवरी को सुबह 6 बजकर 17 मिनट पर खत्म हो जाएगी। मासिक शिवरात्रि की पूजा रात में की जाती है, इसलिए मासिक शिवरात्रि 20 जनवरी को ही मनाई जाएगी।

    पूजा मुहूर्त

    20 जनवरी को निशा काल में पूजा का मुहूर्त रात्रि 12 बजकर 5 मिनट से देर रात 12 बजकर 59 मिनट तक है। वहीं, जिन लोगों को निशा काल में पूजा नहीं करनी है, वे 20 जनवरी को सुबह माघ मासिक शिवरात्रि की पूजा कर सकते हैं।

    पूजा-विधि

    ‘मासिक शिवरात्रि’ के दिन सुबह जल्दी स्नान करके, साफ सुथरे वस्त्र पहन लें। इसके बाद किसी मंदिर में जाकर शिव परिवार की आराधना करें। सबसे पहले शिवलिंग का रुद्राभिषेक जल, शुद्ध घी, दूध, शक्कर, शहद, दही आदि से करें। भगवान शिव का अभिषेक करने से आरोग्य की प्राप्ति होती है। साथ ही यश और प्रतिष्ठा की प्राप्ति होती है। शिव पूजा करते समय आप शिव स्तुति, शिव अष्टक, शिव चालीसा और शिव श्लोक का पाठ करें। इस दिन शाम को फल ग्रहण कर सकते हैं। लेकिन, तामसिक चीजों के सेवन से बचना चाहिए।

    सनातन धर्म के विद्वानों के मुताबिक इस बार ‘मासिक शिवरात्रि’ (Masik Shivaratri 2023) पर भद्रा लगी होगी। यह भद्रा 20 जनवरी को सुबह 9 बजकर 59 मिनट से शुरू होकर रात 8 बजकर 10 मिनट तक रहेगी। ज्योतिष-शास्त्र के मुताबिक, इस बार पाताल की भद्रा लग रही है। इस भद्रा का पृथ्वी पर कोई दुष्प्रभाव नहीं होता है और कोई भी शुभ कार्य कर सकते हैं।

    महिमा

    मान्यताओं की मानें तो, मासिक शिवरात्रि का व्रत बेहद ही शुभ शुभ माना जाता है मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती का व्रत रखने से जीवन की सारी बाधाएं दूर हो जाती हैं। साथ ही, उसे  मोक्ष, मुक्ति की प्राप्ति होती है साथ ही कहा जाता है कि इस दिन शिव मंत्र ‘ॐ नमः शिवाय’ का पूरे दिन जाप करने से व्यक्ति की सभी मनोकामना पूर्ण होती हैं।