‘मकर संक्रांति’ के दिन काली उड़द के साथ ‘यह’ मिलाकर गौ माता को खिलाएं, शनि की पीड़ा से मिलेगी मुक्ति, माता लक्ष्मी की कृपा के लिए जानिए क्या खिलाएं

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    सीमा कुमारी

    नई दिल्ली: दान का महापर्व ‘मकर संक्रांति’ (Makar Sankranti) 15 जनवरी, रविवार के दिन है। सनातन धर्म में इस पर्व का विशेष महत्व है। ‘मकर संक्रांति’ के दिन स्नान और दान करने का शास्त्रों में बहुत महत्व माना गया है। इस दिन तिल गुड़ खाना और तिल का दान करना सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है। मान्यता है कि इस दिन किया गया दान इस जीवन में तो सुख समृद्धि लाता है, बल्कि कई जन्मों तक इसका पुण्य फल मिलता है।

    लेकिन आपको यहां एक बात बहुत जरूरी ध्यान रखनी चाहिए कि बिना गौ माता को दान किये सभी पुण्य कार्य अधूरे ही रहते हैं। शास्त्रों में गाय को सर्वश्रेष्ठ माना गया है। तैंतीस कोटि देवी देवताओं का वास गौ माता में होता है।

    यदि कहीं और कुछ दान नहीं कर पा रहे हैं तो सिर्फ गाय माता को ही दान करके आप दान का पुण्य अर्जित कर सकते हैं। मकर संक्रांति पर कुछ वस्तुओं का गौ माता को दान करने से ग्रह दोष तो शांत होते ही हैं साथ ही एक विधि का अनुसरण कर आप शारीरिक पीड़ा से भी मुक्ति पा सकते हैं। गौ सेवा से कुंडली में सूर्य तेज होता है। आइए जानें मकर संक्रांति पर किन वस्तुओं का गौ माता को दान करने से ग्रह दोष शांत होते है, शारीरिक पीड़ा से भी मुक्ति मिल सकती हैं।

    ज्योतिष- शास्त्र के अनुसार, गुड़ का सेवन जितना सर्दियों में मनुष्यों के लिए हितकर है, उतना ही मूक प्राणियों के लिए भी है। गुड़ गौ माता को दान करें, उन्हें खिलाएंगे तो आपके मंगल के दोष दूर हो जाएंगे। चने की दाल बृहस्पति ग्रह दोष को शांत करती है। वहीं गाय माता को प्रतिदिन चले की दाल खिलाने से घर में लक्ष्मी का वास होता है। गाय माता को चने की दाल दान करें। चाहे तो आटे की लोई बनाकर उसमें दाल रखकर खिलाएं।

    गौ माता को हरी सब्जियां खिलाएं। उनके निमित्त पालक आदि खरीदकर अर्पित करें। गौ माता को हरा चारा या पालक आदि खिलाने से बुध ग्रह दोष समाप्त होता है। माना जाता है कि, सूर्य देव मकर संक्रांति पर अपने पुत्र शनिदेव से मिलने के लिए जाते हैं। इस दिन यदि आप गाय माता को काली उड़द की दाल गुड़ के साथ मिलाकर खिलाएंगे तो शनि पीड़ा खत्म होगी।