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    मुंबई: आमतौर पर मकर संक्रांति (Makar Sankranti) का त्योहार 14 जनवरी को ही मनाया जाता है, लेकिन पंचांग (Panchang) की गणना और तिथियों की कम-ज्यादा संख्या के अनुसार कभी कभी मकर संक्रांति 15 जनवरी को भी मनाई जाती है। इस वर्ष मकर संक्रांति 15 जनवरी को मनाई जाएगी, जबकि पंजाब और हरियाणा में मनाई जाने वाली लोहड़ी (Lohri) 14 जनवरी शनिवार को मनाई जाएगी। इसके निमित्त मुंबई और उपनगर के सभी गुरुद्वारों में सुबह कीर्तन और अरदास होगा। इस वर्ष मकर संक्रांति का वाहन व्याघ्र, उपवाहन घोड़ा, अस्त्र गदा, दृष्टि ईशान, करण मुख दक्षिण, वार मुख पश्चिम और वस्त्र पीला है।

    पंचांग के अनुसार 14 जनवरी शनिवार को सूर्य मकर राशि में रात 8.45 बजे प्रवेश करेंगे। ज्योतिष के अनुसार हर संक्रांति के 16 घड़ी पूर्व और 16 घड़ी बाद तक पुण्य काल रहता है। इसके अनुसार 14 जनवरी को दोपहर 2:21 बजे से पुण्य काल प्रारंभ हो जाएगा और सुबह 3:09 बजे समाप्त हो जाएगा। इसलिए रविवार 15 जनवरी को सुबह उदया तिथि में मकर संक्रांति का पर्व मनाया जाएगा जो पूरे दिन मान्य होगा। दोपहर तक का समय स्नान, दान के लिए विशेष पुण्य फल दायक रहेगा।   

    मकर संक्रांति पर खास संयोग

    15 जनवरी को मकर संक्रांति का पुण्यकाल सूर्योदय से लेकर पूरे दिन रहेगा। इस दिन सूर्य, शनि और शुक्र मकर राशि में रहेंगे, जिससे त्रिग्रही योग बन रहा है। साथ ही चित्रा नक्षत्र, शश योग सुकर्मा योग, वाशी योग, सुनफा योग और बालव करण योग बनेगा। इस समय मकर राशि में शनि स्थित हैं। 14 जनवरी को सूर्य भी इस राशि में प्रवेश कर जाएगा, जिससे सूर्य-शनि की युति बनेगी। 

    14 अप्रैल तक शनि-सूर्य का अशुभ योग

    17 जनवरी को जैसे ही शनि कुंभ राशि में प्रवेश करेगा, सूर्य-शनि का द्विर्द्वादश योग बन जाएगा। ज्योतिष में यह योग बहुत ही अशुभ माना गया है। 13 फरवरी से फिर सूर्य-शनि एक साथ कुंभ राशि में रहेंगे। इसके बाद 15 मार्च को सूर्य मीन राशि में चला जाएगा, जिससे 14 अप्रैल तक फिर से सूर्य-शनि का अशुभ द्विर्द्वादश योग रहेगा। यानी 14 अप्रैल तक लगातार सूर्य-शनि के संयोग से प्राकृतिक आपदाओं का खतरा बना रहेगा।  

    शनि-सूर्य की युति और द्विर्द्वादश योग का अशुभ प्रभाव देश-दुनिया पर देखने को मिलेगा। इससे देश में तनाव, अशांति और डर का माहौल रहेगा। राजनीतिक उठा पटक के चलते नेताओं के लिए यह समय समय अनुकूल नहीं रहेगा। बड़े बदलाव और विवाद की आशंका है।

    - भृगुसंहिताचार्य पं. रामप्रसाद मिश्र

    ग्रहों के इन गोचरों के चलते सीमा पर इस दौरान कोई बड़ी घटना हो सकती है। लोगों को भी इस समय धैर्य रखना होगा, नहीं तो बेवजह विवाद की स्थिति बन सकती है। आतंकवादी गतिविधियों में तेजी आ सकती है। राजनीति में चौंकाने वाले गठजोड़ सामने आ सकते हैं।

    -पं. शंभुनाथ दुबे, कर्मकांड विशेषज्ञ