Bundelkhand

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राजेश मिश्र@नवभारत 
लखनऊ:
बुंदेलखंड में हर चुनाव की तरह सूखा, पलायन और पानी की कमी इस बार कोई खास मुद्दा नही बना है। इस बार बुंदेलखंड के चुनाव में डिफेंस कारीडोर, बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे, बुंदेलखंड इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथारिटी का गठन, सौर ऊर्जा परियोजनाओं और ललितपुर का बल्क ड्रग्स एवं फार्मास्यूटिकल पार्क की चर्चा हो रही है। 
 
बुंदेलखंड की चार लोकसभा सीटों बांदा-चित्रकूट, हमीरपुर-महोबा, जालौन और झांसी-ललितपुर में 20 मई को मतदान होना है। आमतौर पर हर चुनाव में बुंदेलखंड का पिछड़ापन, बदहाली, पानी की कमी, सूखा, युवाओं का पलायन और आवारा पशुओं का समस्या मुद्दा बनते रहे हैं। 

इस बार के चुनाव में सभी राजनीतिक दलों की ओर से बुंदेलखंड के औद्योगिक विकास को लेकर दावे, वादे और उनके जवाब चर्चा के केंद्र में हैं। जहां सत्तारुढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) बुंदेलखंड का पिछड़ापन दूर करने के दावे के साथ यहां नोएडा की तर्ज पर विकास का दावा कर रही है वहीं विपक्षी दल इसे खोखला बताते हुए यहां स्थानीय उद्योगों की अनदेखी का आरोप लगा रहे हैं। 

उत्तर प्रदेश में बन रहे डिफेंस कॉरिडोर की शुरुआत झांसी से हो रही है और यहां उद्योगों के लिए जमीन का अधिग्रहण करने के बाद जरुरी बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध करा दी गयी हैं।  डिफेंस कारीडोर के झांसी नोड के लिए गरौठा में जमीन अधिग्रहीत कर उसे विकसित किया गया है। बीते साल ही यहां भारत डॉयनामिक्स लिमिटेड (बीडीएल) की इकाई की स्थापना के लिए निर्माण का काम शुरु हो गया है। 

औद्योगिक विकास विभाग के अधिकारियों के मुताबिक डिफेंस कारीडोर के झांसी नोड में विभिन्न उद्यमों की स्थापना के लिए अब तक 7514.19 करोड़ रुपये के 26 एमओयू पर हस्ताक्षर हो चुके हैं जिनसे 5774 लोगों को रोजगार मिलेगा। इन 26 उद्यमों में से 8 को जमीन का आवंटन भी किया जा चुका है। इनमें बीडीएल, डब्लू बी इलेक्ट्रानिक्स, ल़रेंको डिफेंस, मुरारी इंजीनियरिंग, स्वर्ण इंफ्राटेल व सदाशिव शक्ति डिफेंस शामिल हैं। 

इसी तरह बुंदेलखंड के सबसे पिछड़े इलाकों में शुमार ललितपुर में योगी सरकार ने बल्क ड्रग पार्क निर्माण का काम शुरु किया है। ललितपुर जिले के पांच गांवों में 1472 एकड़ जमीन पर प्रस्तावित इल पार्क के लिए पहले चरण में 300 एकड़ क्षेत्रफल में आधारभूत संरचनाएं विकसित करने के लिए यूपीसीडा डीपीआऱ तैयार कर रही है। 

प्रदेश सरकार ललितपुर को जेनरिक दवाओं के हब के तौर पर विकसित करना चाहती है। योगी सरकार ने काउंसिल ऑफ साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च (सीएसआईआर) और डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन (डीआरडीओ) जैसी भारत सरकार की बड़ी संस्थाओं को बल्क ड्रग पार्क से जोड़ते हुए इन्हें नॉलेज पार्टनर बनाया है। पार्क में अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए सीएसआईआर और डीआरडीओ की विभिन्न लैब्स के साथ एमओयू किया गया है। इस बल्क ड्रग्स पार्क को अंतरराष्ट्रीय स्तर के मानकों के अनुसार तैयार किया जा रहा है, ताकि भारत ही नहीं बल्कि दुनिया के 196 देशों को इसका लाभ मिल सके और उन्हें सस्ती दवाओं के साथ ही मेडिकल डिवाइस उपलब्ध कराए जा सकें। 

प्रदेश सरकार बुंदेलखंड को सौर ऊर्जा के हब के तौर पर भी विकसित कर रही है। बुंदेलखंड के सात जिलों में सौर ऊर्जा की दस बड़ी परियोजनाओं से 3000 मेगावाट से ज्यादा बिजली का उत्पादन करने की तैयारी है। इसी साल फरवरी में संपन्न हुए ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी में बुंदेलखंड के लिए 30000 करोड़ रुपये की 29 बड़ी परियोजनाओं की शुरुआत हुई है। इनमें से दस परियोजनाएं सौर ऊर्जा क्षेत्र से जुड़ी हुई हैं, जोकि बुंदेलखंड के हमीरपुर को छोड़कर बाकी सभी 6 जिलों जालौन, झांसी, ललितपुर, बांदा, चित्रकूट और महोबा में स्थापित हो रही हैं। अकेले झांसी जनपद में तीन सौर ऊर्जा की परियोजनाएं स्थापित होने जा रही हैं।