आज की खास खबर

Published: Sep 21, 2021 03:53 PM IST

आज की खास खबरउद्धव की गुगली से पक्ष-विपक्ष पस्त, BJP को नहीं बताया अछूत

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
कंटेन्ट एडिटरनवभारत.कॉम

आखिर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के मन में क्या चल रहा है? क्या वे महाविकास आघाड़ी सरकार में शामिल एनसीपी और कांग्रेस को संदेश देना चाहते हैं कि शिवसेना उन पर आश्रित नहीं है और मौका पड़ा तो बीजेपी के साथ वाली पुरानी युति को पुनर्जीवित किया जा सकता है? प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 71वें जन्मदिन पर औरंगाबाद के एक कार्यक्रम में सभी को आश्चर्य में डालते हुए उद्धव ठाकरे ने बीजेपी को भविष्य का साथी बताया. 

इस कार्यक्रम में केंद्रीय राज्यमंत्री रावसाहब दानवे की ओर देखते हुए उद्धव ठाकरे ने कहा कि मंच पर मौजूद मेरे पुराने और अब के साथी अगर साथ आए तो वे भविष्य के सहयोगी हो सकते हैं. मुख्यमंत्री के इस बयान से महाराष्ट्र की राजनीति में हड़कंप मचना स्वाभाविक था. 

सीएम ने जो गुगली फेंकी, उसमें एक ओर तो आघाड़ी में शामिल एनसीपी व कांग्रेस को सचेत किया गया है कि वे उन पर किसी किस्म का दबाव बनाने की न सोचें, दूसरी ओर उन्होंने बीजेपी से अपनी पुरानी मित्रता जीवित रखने की कोशिश की है. इससे प्रश्न उठता है कि क्या उद्धव का दिल एनसीपी-कांग्रेस के गठबंधन से ऊब चुका है?

सहयोगी पार्टियां नाराज

बीजेपी को भविष्य का साथी बताने वाले मुख्यमंत्री के बयान से सरकार में शामिल कांग्रेस-एनसीपी नाराज हैं. आघाड़ी सरकार के किंगमेकर व एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार को उद्धव का यह बयान अखर गया. उनका कहना है कि जब आघाड़ी सरकार में सब कुछ ठीक चल रहा है तो मुख्यमंत्री को इस तरह का बयान देने की क्या जरूरत थी? दूसरी ओर उपमुख्यमंत्री व एनसीपी नेता अजीत पवार ने कहा कि सीएम ठाकरे प्रदेश के मुखिया हैं. ऐसे में उन्हें टिप्पणी करने का पूरा अधिकार है. यह ठाकरे ही बता सकते हैं कि उनके मन में क्या चल रहा है.

भुजबल ने बात संभाली

मंत्री छगन भुजबल ने बात संभालते हुए कहा कि उन्हें नहीं लगता कि मुख्यमंत्री आघाड़ी से ऊब चुके हैं. विरोधी दल हमारे दुश्मन नहीं हैं. मुख्यमंत्री के बयान का यह मतलब है कि हम सभी मिलकर महाराष्ट्र के विकास के लिए काम करें. ठाकरे के बयान से महाविकास आघाड़ी सरकार को कोई खतरा नहीं है. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने इसे हल्के-फुल्के ढंग में लेते हुए कहा कि मुख्यमंत्री को इस तरह के मजाक करने की आदत है. 

बीजेपी इस समय तनाव में है, इसलिए हो सकता है कि मुख्यमंत्री ने उनके संतोष के लिए यह बात कही हो. उन्होंने किस अर्थ में यह बात कही है, इसे पूरी तरह सिर्फ मुख्यमंत्री ही बता सकते हैं. पटोले ने कहा कि हमने कभी नहीं कहा कि हम सत्ता में आकर बहुत खुश हैं. हमारी कोशिश सिर्फ बीजेपी को सत्ता से दूर रखने की है.

दानवे का दावा- सीएम को कांग्रेस परेशान कर रही

केंद्रीय राज्यमंत्री दानवे ने कहा कि मुख्यमंत्री ने मेरे कान में कहा कि तुम मुंबई क्यों नहीं आते? एक बार आओ तो हम मिलकर साथ बैठेंगे. कांग्रेस मुझे काफी तकलीफ दे रही है, ऐसे में बीजेपी को बुलाना होगा. तब मैंने सीएम से कहा कि अब न तो कांग्रेस और न ही एनसीपी आपको तकलीफ देगी. यदि आगे आपको ऐसा लगे तो हम लोग मिलकर साथ बैठेंगे.

देवेंद्र की प्रतिक्रिया

विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि मुख्यमंत्री को अब अहसास हो रहा है कि वे किस तरह के लोगों के साथ सरकार में काम कर रहे हैं. राजनीति में कुछ भी हो सकता है. शिवसेना के साथ गठबंधन की संभावना से इनकार करते हुए देवेंद्र ने कहा कि हम सरकार बनाने को लेकर किसी प्रकार की जल्दी में नहीं हैं. हम विपक्ष की अपनी भूमिका को मजबूत तरीके से निभा रहे हैं.