नवभारत विशेष

Published: Sep 18, 2021 12:11 PM IST

नवभारत विशेष‘आप’ के ब्रैंड एम्बेसडर बनते ही सोनू सूद मुसीबत में

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

आश्चर्य की बात है कि जब तक कोई नेता या अभिनेता बीजेपी के लिए अनुकूल बना रहता है तब तक सरकारी जांच एजेंसियां उसकी ओर झांक कर भी नहीं देखतीं लेकिन जैसे ही वह किसी विपक्षी पार्टी से जुड़ा, तत्काल इन एजेंसियों के रडार पर आ जाता है. यह सब अनायास नहीं होता. जांच एजेंसियों का ऊपर से इशारा रहता होगा कि इस आदमी का हुलिया टाइट करो. उसका होश दुरुस्त करो. दिखा दो कि विपक्ष से चिपकने का क्या अंजाम होता है! मुद्दा यह नहीं है कि किसी से अनियमितता नहीं होती, लेकिन अभयदान पाकर ‘अपने मित्र’ कार्रवाई से बचे रहते हैं और जिसने किसी विपक्षी पार्टी का दामन थामा, वह निशाने पर आ जाता है. उसकी पूरी कुंडली खंगाल ली जाती है.

बॉलीवुड अभिनेता सोनू सूद के दफ्तर पर इनकम टैक्स छापा पड़ा. उनकी कंपनियों से जुड़े अन्य 6 ठिकानों पर सर्वे किया गया. दूसरे दिन भी छापेमारी जारी रही. कुछ ही दिन पहले दिल्ली की ‘आप’ सरकार ने सोनू सूद को स्कूली छात्रों के मेंटोरशिप प्रोग्राम का ब्रैंड एम्बेसडर बनाया था. इस दौरान उनके आम आदमी पार्टी में शामिल होने की अटकलें भी लगी थीं. यह बात अलग है कि सोनू ने खुद कहा था कि उनकी मुख्यमंत्री केजरीवाल के साथ राजनीति को लेकर कोई बात नहीं हुई.

कई राज्य सरकारों ने सोनू सूद के साथ कल्याणकारी योजना व कार्यक्रमों के लिए हाथ मिलाया था जिनमें पंजाब और दिल्ली की सरकार शामिल है. यह वही सोनू सूद हैं जिन्होंने कोरोना काल के दौरान लगाए गए लॉकडाउन में प्रवासी मजदूरों को उनके घर पहुंचाने तथा आर्थिक मदद देने का बीड़ा उठाया था. उन्होंने ऐसे मजदूरों के सफर को सुविधाजनक बनाने के लिए भोजन, वाहन आदि का इंतजाम भी किया था. कुछ को तो चार्टर्ड विमान से भी भेजा था. अन्य फिल्मी हस्तियों की तुलना में उनका रुख अधिक मानवीय और संवेदनशील दिखाई दिया था.