संपादकीय

Published: Dec 05, 2020 10:40 AM IST

संपादकीयशिवसेना, कांग्रेस को शरद पवार का अभयदान

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

महाराष्ट्र के दिग्गज नेता और राष्ट्रीय राजनीति के भी अनुभवी खिलाड़ी रह चुके एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार (Sharad Pawar) ने यह कहकर महाविकास आघाड़ी का हौसला बढ़ाया है कि महाराष्ट्र में शिवसेना के नेतृत्व वाली उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) की सरकार आने वाले 25 वर्षों तक चलेगी. इस तरह उन्होंने शिवसेना और कांग्रेस को अभयदान दिया है. पवार ने सीएम उद्धव ठाकरे की सराहना करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री बोलते कम हैं लेकिन दिमाग से चतुर हैं. इसी प्रकार उद्धव ठाकरे ने भी शरद पवार की प्रशंसा करते हुए कहा कि कई संकटों से निपटने में उन्हें पवार का मार्गदर्शन मिला है.

उन्होंने महाराष्ट्र विकास आघाड़ी सरकार के गठन के लिए शरद पवार और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) का आभार माना. बीजेपी को सत्ता से दूर रखने के लिए महाविकास आघाड़ी बनी जिसमें उग्र हिंदुत्व वाली शिवसेना के साथ एनसीपी व कांग्रेस जैसी सेक्यूलर पार्टियां शामिल हैं. यद्यपि कांग्रेस इस सरकार में जूनियर पार्टनर है, फिर भी उसे सत्ता में शामिल होने का सुख तो मिला ही हुआ है. 25 वर्ष तक सरकार चलने की पवार की शुभकामना अपनी जगह है लेकिन राजनीति में बदलाव होता रहता है और जनादेश भी हमेशा एक सा नहीं रहता. आगामी 25 वर्षों में न जाने कितने चुनाव होंगे और किसकी किस्मत चमकेगी! वर्तमान स्थिति पर गौर करें तो यही लगेगा कि तीनों पार्टियों- शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस ने महाविकास आघाड़ी बनाकर राज्य में बीजेपी की सारी रणनीति व उम्मीदों पर पानी फेर दिया.

राजनीतिक स्थायित्व देने के नाम पर महाविकास आघाड़ी के घटक दलों ने अपने वैचारिक मतभेदों को परे रख दिया. बीजेपी बार-बार उम्मीदों के पुल बांधती है कि यह सरकार चल नहीं पाएगी तथा बीजेपी में 115 से 150 विधायक हो जाएंगे लेकिन जब आघाड़ी सरकार की एकजुटता पिछले 1 वर्ष से बखूबी कायम है और कहीं कोई असंतोष नहीं है तो बीजेपी कैसे इसमें फूट की उम्मीद कर सकती है? कम से कम शरद पवार किसी भी हालत में एनसीपी में दरार नहीं आने देंगे. जब उन्होंने यह स्पष्ट कर दिया कि उनकी बेटी सुप्रिया सुले की महाराष्ट्र की नहीं, बल्कि केंद्र की राजनीति में दिलचस्पी है तो यह साफ संकेत है कि महाराष्ट्र में अजीत पवार के सामने किसी प्रकार की चुनौती नहीं है. बीजेपी अजीत को लेकर कुछ भी अटकलें लगाए लेकिन वे जानते हैं कि उनका भविष्य अपने चाचा के साथ रहने में ही सुरक्षित है.