संपादकीय
Published: Mar 14, 2024 10:34 AM ISTसंपादकीयपेरिस ओलम्पिक को लेकर सात्विक-चिराग जोड़ी से लगीं उम्मीदें
पेरिस ओलम्पिक गेम्स के 5 माह पहले ही यदि सात्विक साइराज रंकीरेड्डी और चिराग शेट्टी की जोड़ी बैडमिंटन में स्वर्णपदक हासिल करने का सपना देख रही है तो इसमें आश्चर्य नहीं होना चाहिए, अब वह समय नहीं रहा कि बैडमिंटन पर सिर्फ चीन, कोरिया, मलेशिया, इंडोनेशिया और डेनमार्क का ही वर्चस्व हो। अब इन दोनों भारतीय खिलाड़ियों की जोड़ी कमाल कर रही है।
2022 में थामस कप जीतने से पहले यह जोड़ी 4 टाइटल्स जीत चुकी थी। यह ऐसा पुरुष युगल है जिसने अपनी जीत की निरंतरता बरकरार रखी, उन्होंने विश्व के सबसे शोरगुल और मानसिक दबाव वाले इस्टोरा स्टेडियम में इंडोनेशियन टाइटल जीती। सात्विक चिराग ने एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीता जो कि अत्यंत प्रतिष्ठासूचक है। दिसंबर के बाद से वे निरंतरता कायम रखते हुए 4 टूर्नामेंट के फाइनल में पहुंचे, इसलिए पेरिस ओलम्पिक में यह जोड़ी गोल्ड की दावेदार हो सकती है। यद्यपि सात्विक चिराग युगल एक बार भी नहीं हारा है।
दोनों ने प्रो-सर्किट व महत्वपूर्ण टूर्नामेंट जीते हैं लेकिन अभी तक वर्ल्ड चैम्पियनशिप टाइटल उनसे दूर है, बैडमिंटन की ओर बढ़ते दुनिया के रुझान के बावजूद अभी सात्विक- चिराग जोड़ी को साइना नेहवाल या पीवी सिंधु जैसी लोकप्रियता नहीं मिल पाई है, फ्रेंच ओपन टाइटल में उनका खेल टीवी पर नहीं दिखाया गया। इसकी बजाय महिला क्रिकेट या फुटबॉल मैच दिखाए जाते रहे। इन दोनों ही खिलाड़ियों को प्रोत्साहन मिलना जरूरी है। पेरिस ओलंपिक में भाला फेंक चैंपियन नीरज चोपड़ा, बॉक्सिंग में नाम कमा रही निकहत जरीन के साथ बैडमिंटन युगल के रूप में सात्विक चिराग पर भी देश के खेल प्रेमियों की आशा केंद्रित रहेगी।
आल इंग्लैंड चैम्पियनशिप में यह जोड़ी खिताब के लिए भारत का 23 वर्षों का इंतजार खत्म करने की कोशिश करेगी। इसके पहले भारत के लिए यह खिताब 1980 में प्रकाश पादुकोण और 2001 में पुलेला गोपीचंद जीत चुके हैं जबकि साइना नेहवाल (2015) और लक्ष्य सेन 2022 उपविजेता रहे। सात्विक चिराग ने इस सत्र में मलेशिया सुपर 1000, इंडिया सुपर 750 के फाइनल में प्रवेश किया और पेरिस में जीत दर्ज की। गत रविवार की रात उन्होंने फ्रेंच ओपन खिताब अपने नाम किया।
पेरिस ओलंपिक में भालाफेंक चैम्पियन नीरज चोपड़ा, बॉक्सिंग में नाम कमा रही निकहत जरीन के साथ बैडमिंटन युगल के रूप में सात्विक चिराग पर भी देश के खेल प्रेमियों की आशा केंद्रित रहेगी। आल इंग्लैंड चैम्पियनशिप में यह जोड़ी खिताब के लिए भारत का 23 वर्षों का इंतजार खत्म करने की कोशिश करेगी।