संपादकीय

Published: Dec 17, 2021 04:27 PM IST

संपादकीयलटके निकाय चुनाव, OBC आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट का झटका

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
कंटेन्ट एडिटरनवभारत.कॉम

ओबीसी आरक्षण पर अनुकूल निर्णय आने की उम्मीद कर रही महाराष्ट्र सरकार को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा. कोर्ट ने इम्पिरिकल (अनुभवजन्य) डेटा उपलब्ध कराने का केंद्र सरकार को निर्देश देने की मांग वाली राज्य सरकार की याचिका ठुकरा दी. सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया कि ओबीसी की 27 प्रतिशत को सामान्य सीट घोषित कर चुनाव कराए जाएं. इस बारे में एक दिन में नई अधिसूचना जारी की जाए. महाराष्ट्र सरकार ने याचिका में मांग की थी कि पूरे चुनाव पर रोक लगा दी जाए और राज्य चुनाव आयोग को ओबीसी आरक्षण के लिए आवश्यक डेटा एकत्रित करने की प्रक्रिया को पूरा करने के लिए 3 महीने का समय दिया जाए. 

कोर्ट ने 6 दिसंबर के स्थगन आदेश में संशोधन की मांग वाले महाराष्ट्र सरकार के अनुरोध को भी खारिज कर दिया. जस्टिस एएम खानविलकर और जस्टिस सीटी रविकुमार की पीठ ने कहा कि आरक्षण के लिए डेटा उपलब्ध कराने के मुद्दे पर केंद्र सरकार को आदेश नहीं दिया जा सकता. इस तरह के निर्देश केवल भ्रम पैदा करेंगे. केंद्र सरकार की ओर से कहा गया है कि 2011 के इस डेटा में त्रुटियां हैं और आरक्षण देने के लिए इससे कोई लाभ नहीं होगा. 2011 की जनगणना में सामने आए सामाजिक, आर्थिक, जातिगत पिछड़ेपन के आंकड़े सार्वजनिक नहीं किए जाएंगे. 

सुप्रीम कोर्ट के फैसलों के बाद महाराष्ट्र सरकार ने ओबीसी का इम्पिरिकल डेटा जुटने तक स्थानीय निकाय चुनाव टालने का फैसला किया है. राज्य मंत्रिमंडल का यह प्रस्ताव राज्य चुनाव आयोग के पास भेजा जाएगा. मंत्रिमंडल ने प्रस्ताव पारित किया है कि ओबीसी आरक्षण लागू हुए बिना चुनाव न हों. राज्य पिछड़ा आयोग को इम्पिरिकल डेटा जुटाने के काम में मदद के लिए सचिव स्तर के एक अधिकारी की नियुक्ति की जाएगी. ओबीसी आरक्षण हाथ से निकल जाने का ठीकरा आघाड़ी सरकार के नेता व बीजेपी एक-दूसरे पर फोड़ रहे हैं. 

विधानसभा में विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि राज्य सरकार को अब समझदारी दिखाते हुए इम्पिरिकल डेटा जुटाना चाहिए. विपक्ष सरकार की मदद के लिए तैयार है. अगर आघाड़ी सरकार ने 2 वर्षों में ओबीसी आरक्षण के लिए वास्तविक प्रयास करते हुए इम्पिरिकल डेटा संकलित किया होता तो आज ओबीसी आरक्षण खोने की नौबत नहीं आती. प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने चेतावनी दी कि यदि राज्य सरकार ओबीसी का इम्पिरिकल डेटा जुटाने में टालमटोल करेगी तो हम लोग आंदोलन करेंगे.