संपादकीय

Published: Oct 31, 2023 02:48 PM IST

संपादकीयविद्युत उत्पादन पर टैक्स, अवैध अन्य योजनाओं पर डबल कर पर विचार करे सरकार

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
कंटेन्ट एडिटरनवभारत.कॉम

ऐसे कितने ही टैक्स हैं जिन्हें राज्य सरकारें अवैध रूप से वसूल कर जनता का शोषण करती हैं. यदि केंद्र किसी वस्तु या सेवा पर पहले ही कर वसूल कर रहा है तो राज्यों को भी उसपर टैक्स लगाने की क्या जरुरत है? केंद्र सरकार ने स्पष्ट शब्दों में कहा है कि राज्यों के पास कोयला, जल, पवन या सूर्य के ताप से उत्पन्न बिजली पर कोई भी कर या शुल्क लगाने का अधिकार नहीं है. कुछ राज्य सरकारें विकास शुल्क, अन्य शुल्क या कोष की आड़ में विभिन्न स्रोतों से बिजली उत्पादन पर अतिरिक्त शुल्क लगाती हैं.

केंद्रीय बिजली मंत्रालय के परिपत्र में कहा गया है कि बिजल उत्पादन पर किसी भी तरह का अतिरिक्त शुल्क अवैध और असंवैधानिक है. ऐसा इसलिए है क्योंकि एक राज्य के क्षेत्र के भीतर उत्पादित बिजली का उपभोग दूसरे राज्यों में किया जा सकता है और किसी भी राज्य के पास दूसरे प्रदेश के लोगों पर कर या शुल्क लगाने का अधिकार नहीं है. केंद्र ने राज्यों से कहा है कि यदि उन्होंने इस तरह का कोई अतिरिक्त शुल्क लगाया है तो इसे तत्काल वापस लें.

इसके पूर्व अप्रैल में भी केंद्रीय विद्युत मंत्रालय ने राज्यों से कहा था कि वे विशेष रूप से पनबिजली योजनाओं से उत्पादित बिजली पर किसी तरह का शुल्क या कर नहीं लगाएं. संविधान का अनुच्छेद 286 स्पष्ट रूप से राज्यों को उन वस्तुओं या सेवाओं की आपूर्ति या दोनों पर कोई कर या शुल्क लगाने से रोकता है जहां आपूर्ति राज्य के बाहर होती है. इसके साथ ही अनुच्छेद 287 और 288 केंद्र सरकार द्वारा उपभोग की जानेवाली या सरकार और उसकी एजेंसियों द्वारा उपभोग के लिए केंद्र सरकार को बेची जानेवाली बिजली की खपत या बिक्री पर कर लगाने से रोकता है.

इसी तरह जीएसटी कानून के तहत केंद्र सरकार क्रमश: सीजीएसटी और एसजीएसटी या केवल आईजीएसटी एकत्र करेगी. यह इस बात पर निर्भर करेगा कि लेन-देन राज्य के अंदर है या अंतरराज्यीय है.

जीएसटी रेजीम आने के पहले सेंट्रल एक्साइज ड्यूटी, सर्विस टॅक्स, स्टेट वैट (मूल्यवर्धित कर) आदि थे. जीएसटी एक गंतव्य आधारित कर है जो उस राज्य को प्राप्त होता है जिसमें माल का उपयोग किया जाता है लेकिन उस राज्य में नहीं किया जाता जहां ऐसे माल का निर्माण किया जाता है. आईजीएसटी का पूरा नाम इंटीग्रेटेड गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स है.

यह वस्तुओं और सेवाओं की सभी अंतरराज्यीय आपूर्ति पर दो या दो से अधिक राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में लगाया जानेवाला कर है. आईजीएसटी भारत में आयात और भारत से निर्यात दोनों मामलों में वस्तुओं या सेवाओं की किसी भी आपूर्ति पर लागू होगा.