संपादकीय

Published: Jul 14, 2021 12:16 PM IST

संपादकीय'कोंगू नाडु’ की चर्चा, क्या तमिलनाडु का विभाजन होगा?

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
कंटेन्ट एडिटरनवभारत.कॉम

बीजेपी ने नए केंद्रीय मंत्री एल मुरुगन को ‘कोंगू नाडु’ का बताकर एक नई बहस छेड़ दी. इससे यह चर्चा शुरू हो गई कि क्या बीजेपी तमिलनाडु का विभाजन करना चाहती है? तमिलनाडु के पश्चिमी क्षेत्र को कोंगु नाडु कहा जाता है. तमिलनाडु के संगम सहित्य में कोंगु नाडु को पृथक क्षेत्र बताया गया है. इसके अंतर्गत नीलगिरी, कोयम्बतूर, तिरुपुर, इरोड, करूर, सलेम, नामक्कल के अलावा डिंडिगुल व धर्मापुरी जिलों का कुछ क्षेत्र आता है. इनमें कोयम्बतूर, नामक्कल, सलेम जिले व्यवसाय-उद्योग के लिए जाने जाते हैं तथा वहां एआईएडीएमके का प्रभाव है. यद्यपि तेलंगाना, विदर्भ या उत्तराखंड के समान कभी भी कोंगू नाडु को अलग राज्य बनाने की मांग नहीं हुई.

इतने पर भी बीजेपी ने इस नाम का उल्लेख कर तमिलनाडु में सत्तारूढ़ डीएमके को चुनौती दी है. चुनावी राजनीति के लिहाज से कोंगू नाडु ऐसा क्षेत्र है जहां बीजेपी और आरएसएस की कुछ उपस्थिति है. बीजेपी ने एआईएडीएमके के साथ गठबंधन की वजह से पश्चिमी तमिलनाडु से 2 विधानसभा सीटें जीती हैं. कांग्रेस ने कोंगू नाडु का उल्लेख किए जाने पर आपत्ति जताते हुए कहा कि यह बीजेपी का एजेंडा है. राज्य कांग्रेस के प्रमुख केएस अलागिरी ने कहा कि तमिलनाडु को विभाजित करना असंभव है. बीजेपी का ऐसा प्रयास कभी सफल नहीं हो पाएगा. कांग्रेस इसकी कड़ी निंदा करती है. डीएमके सांसद कनीमोझी ने कहा कि तमिलनाडु डीएमके सरकार के नेतृत्व में पूरी तरह सुरक्षित है.

एआईएडीएमके से बगावत कर चुके नेता टीटीवी दिनाकरन ने अम्मा मक्कल मुनेत्र कषगम (एएमएमके) पार्टी बना ली है. उन्होंने भी कहा कि कोंगू नाडु की चर्चा शरारतपूर्ण है, राज्य का विभाजन सहन नहीं किया जाएगा. ऐसी कोई आवाज उठे तो उसे तत्काल कुचल देना चाहिए. बीजेपी विधायक दल के नेता एन नागेंद्रम ने कहा कि डीएमके कोंगू नाडु की चर्चा से इतना क्यों घबरा रही है? यह याद रखा जाए कि आंध्रप्रदेश और यूपी का भी तो विभाजन हुआ है.