नवभारत विशेष
Published: Apr 05, 2021 11:33 AM ISTनवभारत विशेषम्यांमार में नरसंहार अंतत: भारत को बोलना पड़ा
म्यांमार (ब्रह्मदेश) में 2 माह पूर्व हुए तख्ता पलट के बाद से वहां की सैनिक सरकार ने नृशंसता की सारी हदें पार कर दी हैं. वहां लोकतंत्र समर्थक प्रदर्शनकारियों की गोली मारकर हत्या की जा रही है. अबतक 500 से अधिक लोगों को मौत के घाट उतारा जा चुका है. बच्चों तक को नहीं छोड़ा जा रहा है. आंग सान सूकी व उनके सहयोगियों की गिरफ्तारी के बाद सेना ने देश का नियंत्रण अपने कब्जे में ले लिया. अभी तक वहां हो रहे घटनाक्रम पर भारत चुप्पी साधे रहा लेकिन अब यूएन सुरक्षा परिषद (UN Security Council) में भारत ने म्यांमार के सैनिक शासन को कड़ी फटकार लगाई.
यूएन में भारत के प्रतिनिधि टी एस तिरूमूर्ति (TS Tirumurti) ने म्यांमार (Myanmar) में लोकतंत्र समर्थकों की हत्या पर शोक जताया तथा वहां के सैनिक शासन को हिरासत में लिए गए नेताओं को रिहा करने तथा हिंसा व बर्बरता से बाज आने की नसीहत दी है. यद्यपि भारत अब तक असमंजस में था. वह म्यांमार के सैनिक शासन से अपने ताल्लुकात बिगाड़कर चीन को मौका नहीं देना चाहता था.
चीन भी अपने यहां लोकतंत्र समर्थकों का सख्ती से दमन करता आया है. कई दशक पहले चीन ने बीजिंग के थ्यान आन मेन चौक में प्रदर्शन कर रहे सैकड़ों छात्रों को गोली से उड़ा दिया था. हांगकांग में भी चीन ने बहुत जुल्म ढाए. म्यांमार की सेना भी यही कर रही है. पश्चिमी देश सेना के इस रवैये का कड़ा विरोध करते रहे हैं. पहले भी वर्षो कैद में रहने के बाद सूकी को सत्ता संभालने का मौका मिला था लेकिन फिर भी देश में सेना का प्रभाव कायम था. गत 1 फरवरी को सेना ने लोकतांत्रिक सरकार का तख्ता पलट कर जनता पर भीषण अत्याचार शुरू कर दिए.