निशानेबाज़

Published: Apr 29, 2021 11:46 AM IST

निशानेबाज़सर्वे में आया सबूत कोरोना से निपटने में महिलाएं अधिक मजबूत

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
कंटेन्ट एडिटरनवभारत.कॉम

पड़ोसी ने कहा, ‘‘निशानेबाज, बृहन्मुंबई नगर निगम ने मुंबई में सर्वे कराया जिससे पता चला कि पुरुषों की तुलना में महिलाओं में कोरोना वायरस से लड़ने के लिए अधिक एंटीबॉडी हैं. महिलाएं ज्यादा मजबूत हैं और उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता अधिक है. पुरुषों में 35.02 प्रतिशत और महिलाओं में 37.12 प्रतिशत एंटीबॉडी पाई गई. इस संबंध में आपकी क्या राय है?’’ हमने कहा, ‘‘इसमें कोई शक नहीं कि महिलाओं में जीवनशक्ति अधिक रहती है. वे सृजनात्मक सृष्टि की प्रतीक हैं. उनमें न केवल श्रेष्ठ मानवीय गुणों जैसे कि ममता, करुणा, प्रेम, स्नेह, वात्सल्य का समावेश होता है बल्कि सहनशील भी काफी अधिक होती हैं.

उन्हीं की बदौलत विपरीत से भी विपरीत परिस्थिति में भी घर-संसार चलता रहता है.’’ पड़ोसी ने कहा, ‘‘निशानेबाज, महिलाएं दिव्य त्रिगुणात्मक प्राकृतिक शक्ति की प्रतीक होती हैं और उन्हें दुर्गा, सरस्वती और लक्ष्मी का अंश माना जाता है. घर में नई बहू गृहलक्ष्मी के रूप में आती है. लोग नवरात्र में देवी स्वरूपा मानकर कन्या भोजन करवाते हैं.’’ हमने कहा, ‘‘आध्यात्मिक श्रद्धा भावना अपनी जगह है लेकिन महिलाओं ने राजनीति, प्रशासन, खेल, पर्वतारोहण, अंतरिक्ष उड़ान हर क्षेत्र में स्वयं की कुशलता साबित कर दी है. हेलेन केलर देख-सुन और बोल नहीं सकती थीं लेकिन महान लेखिका बनीं. मैडम क्यूरी महान वैज्ञानिक थीं.

कल्पना चावला अंतरिक्ष यात्री थीं. झांसी की रानी लक्ष्मीबाई का शौर्य अप्रतिम था. राजनीति में सरोजिनी नायडू, इंदिरा गांधी, सुषमा स्वराज ने नाम कमाया. किरण बेदी देश की पहली महिला आईपीएस रहीं. इस समय भी मिताली राज विश्व की पहली महिला क्रिकेटर हैं जिन्होंने 10,000 रन बनाए. मेरी कॉम के पदचिन्हों पर चलते हुए नागपुर की अल्फिया ने पोलैंड में वर्ल्ड यूथ बॉक्सिंग में गोल्ड मेडल जीता. ओलंपिक और एशियाड में भी भारत की महिला पहलवानों, निशानेबाजों व एथलीट ने अपना कमाल दिखाया. बछेन्द्री पाल एवरेस्ट विजेता रहीं. महिलाएं जो चाहती हैं, अपनी इच्छाशक्ति से उसे हासिल कर लेती हैं.’