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Published: Jun 24, 2021 11:40 AM ISTनवभारत विशेषमहिलाओं की घरेलू बचत पर टैक्स नहीं एक संवेदनशील फैसला
महिलाओं के हक में यह अच्छा फैसला हैकि नोटबंदी के दौरान उनके द्वारा बैंकों में जमा कराई गई ढाई लाख रुपए से कम की रकम टैक्स के दायरे से बाहर मानी जाएगी. आयकर अपीलीय न्यायाधिकरण ने गृहिणीयों की उस मानसिकता को मानवीय दृष्टिकोण से समझा है जिसके अंतर्गत वे आपातकालीन जरुरतों के लिए स्व्यं व परिवार की सुरक्षा के लिए राशि जमा करती हैं.
गृहिणियों की यह बचत गाढ़े वक्त पर काम आती है. इस मामले में उमा अग्रवाल नामक गृहिणी ने कहा था कि महिलाएं सब्जी विक्रेताओं व व्यापारियों से भाव-ताव कर घर के बजट से बचाई गई नकदी इसी तरह जमा करती हैं. इसके अलावा राखी, भाईदूत जैसे त्योहारों तथा रिश्तेदारों से छोटे मोटे नकद उपहार उन्हें मिलते हैं. पति व बेटे के कपड़े धोते हुए भी उनकी जेब से कुछ रकम निकल आती है. जब सरकार ने 500 और 1000 के नोट प्रतिबंधित किए थे तो उनके पास अपनी यह घरेलू बचत बैंक में जमा करने के अलावा कोई विकल्प नहीं था. ऐसी धीरे-धीरे सहेजी गई राशि को न्यायाधिकरण ने कराधान योग्य नहीं माना.