नवभारत विशेष
Published: Apr 03, 2021 01:57 PM ISTनवभारत विशेषजम्मू में तो मंदिरों की भरमार है, श्रीनगर क्षेत्र में क्यों नहीं बनाते मंदिर?
हिंदू आबादी बहुल जम्मू में तो पहले ही मंदिरों की बहुतायत है. देश भर से श्रद्धालुजन वैष्णोदेवी के दर्शन के लिए जाते हैं. साथ ही वहां रघुनाथ मंदिर, माता खीर भवानी मंदिर और शंकराचार्य का मंदिर है. जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) के डोगरा शासकों ने वैष्णोदेवी मंदिर के निर्माण में विशिष्ट योगदान दिया था. जम्मू एक समय शैव संप्रदाय का भी केंद्र रहा, इसलिए वहां शिवालय भी काफी हैं.
अब प्रशासनिक परिषद ने एक बड़ा फैसला लेते हुए तिरुपति बालाजी मंदिर की तर्ज पर ‘जम्मू’ में भी तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) (Tirumala Tirupati Devasthanams) TTD के भव्य मंदिर निर्माण तथा अन्य सुविधाओं के विकास के लिए 62 एकड़ या ढाई लाख वर्गमीटर भूमि आवंटित करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी. जम्मू-कटरा के बीच बनने वाला यह मंदिर तिरुपति के वेंकटेश्वर मंदिर की प्रतिकृति होगा. जो श्रद्धालु वैष्णोदेवी (Vaishno Devi) के दर्शन के लिए आते हैं, वे बालाजी का दर्शन भी कर सकेंगे. इस ट्रस्ट को मंदिर निर्माण की मंजूरी देने का उद्देश्य पर्यटन क्षमता को बढ़ाना व आर्थिक गतिविधियों में तेजी लाना है. यह सब तो उचित है लेकिन श्रीनगर क्षेत्र में क्यों नहीं मंदिर बनाए जाते? घाटी को भारत की मुख्यधारा में लाना है तो वहां भी भव्य मंदिर बनाए जाने चाहिए. इससे वहां भी पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा.