नवभारत विशेष
Published: Oct 12, 2021 12:39 PM ISTनवभारत विशेषसर्टिफिकेट पर PM की तस्वीर इसमें आपत्ति क्यों?
कुछ बुजुर्ग स्वभाव से जिद्दी और अड़ियल होते हैं. केरल के एक बुजुर्ग पीटर म्यालीपराम्बिल ने तो हाई कोर्ट में याचिका दायर कर दी कि उनके कोरोना वैक्सीन सर्टिफिकेट से प्रधानमंत्री मोदी की तस्वीर हटा दी जाए. अमेरिका, इंडोनेशिया, इजराइल, फ्रांस, जर्मनी, कुवैत के टीकाकरण प्रमाणपत्र की कॉपी प्रस्तुत करते हुए उन्होंने कहा कि इनमें से किसी पर भी प्रधानमंत्री या राष्ट्रपति की तस्वीर नहीं है.
बुजुर्ग को समझना चाहिए कि विदेशी नेताओं को प्रचार का तरीका नहीं आता जबकि भारत के नेताओं की अपनी मौलिक सूझबूझ होती है. यहां तो कुछ राज्यों में बच्चों को स्कूल बैग भी मुफ्त बांटे जाते हैं जिन पर नेता की तस्वीर छपी रहती है. किसी तस्वीर से इतनी एलर्जी क्यों होनी चाहिए? बुजुर्ग से उसकी पसंद पूछी जा सकती है. क्या वह अपने प्रमाणपत्र पर किसी फिल्मी हीरोइन की फोटो चाहता है या अपने राज्य के कम्युनिस्ट मुख्यमंत्री की?
वैसे केरल के इस बुजुर्ग की दलील में दम है कि मैंने प्राइवेट अस्पताल जाकर अपने पैसे से वैक्सीन ली है. जब सरकार सभी को मुफ्त में वैक्सीन नहीं दे पा रही है तो सर्टिफिकेट पर पीएम मोदी की तस्वीर क्यों लगाई जा रही है? ऐसी तस्वीर वाले प्रमाणपत्र की वजह से कुछ यात्रियों को विदेशी एयरपोर्ट पर दिक्कतों का सामना करना पड़ा. उनसे पूछा गया कि तुम्हारे सर्टिफिकेट पर यह फोटो क्यों और किसलिए है? विदेशियों को क्या मालूम कि हमारे नेताओं का वश चले तो लोगों के जन्म व मृत्यु प्रमाणपत्र पर भी अपना मुस्कुराता हुआ फोटो लगा दें.