क्रिकेट
Published: Sep 23, 2021 04:46 PM ISTT20 World Cup 200714 साल पहले आज ही के दिन भारत ने रचा था इतिहास, पाकिस्तान को रौंदकर जीता पहला टी20 विश्व कप
नई दिल्ली: 24 सितंबर 2007 (27 September 2007) का वह दिन भारत (India) के लिए बहुत महत्वपूर्ण दिन था। आज भी यह दिन लोगों के दिल पर राज करता है। यह दिन अब लोगों के लिए एक किस्सा बन गया है। आज से ठीक 14 साल पहले आज ही के दिन भारतीय क्रिकेट टीम (Indian Cricket Team) ने पाकिस्तान को हराकर टी-20 विश्व कप (India Won T20 World Cup 2007 Against Pakistan) का ख़िताब जीतने में कामयाब हो पाई थी। यह फाइनल मैच साउथ अफ्रीका (South Africa) के जोहान्सबर्ग में खेला गया था। भारतीय युवा टीम एम एस धोनी (Captain MS Dhoni) के नेतृत्व में फाइनल में पहुंची थी।
पहले टी 20 वर्ल्ड कप पर भारत का कब्ज़ा
यह मुकाबला आज भी इसलिए सबसे ज़्यादा खास माना जाता है, क्योंकि भारत के सामने प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान की टीम थी। धोनी की कप्तानी में भारतीय खिलाड़ियों ने इतिहास रच दिया था। पहली बार खेले गए टी-20 विश्व कप खिताब पर टीम इंडिया ने कब्जा किया था। जिस जोश के साथ भारत ने इस मैच को खेला था वह आज भी लोगों के जेहन में है। इस फाइनल मुकाबले में भारतीय टीम ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 20 ओवर में 5 विकेट पर 157 रन बनाए थे।
कैप्टन कूल धोनी का अनोखा डिवीजन
मैच का आखिरी ओवर ऐसा कोई क्रिकेट का फैन नहीं होगा जो भूल सकता है। फाइनल मुकाबले के आखिरी ओवर में पाकिस्तान को एक ओवर में 13 रनों की ज़रूरत थी। फिर आखिरी ओवर में कप्तान धोनी ने हर किसी को चौंकाते हुए गेंदबाजी की जिम्मेदारी तेज गेंदबाज जोगिंदर शर्मा को दे दी। शर्मा के सामने पाकिस्तान के अनुभवी बल्लेबाज मिस्बाह उल हक थे।
आखिरी ओवर का रोमांच
पहली गेंद- पहली ही गेंद पर जोगिंदर शर्मा ने वाइड गेंद फेंकी। जिसके बाद पाकिस्तान को 6 गेंदों में 12 चाहिए थे। वाइड गेंद के बाद फिर एक बार पहली गेंद जोगिंदर शर्मा ने फेंकी और मिस्बाह रन बनाने से चूक गए। अब पाकिस्तान 5 गेंदों पर 12 रन चाहिए थे।
दूसरी गेंद- जोगिंदर ने फुलटॉस फेंकी और मिस्बाह ने छक्का जड़ दिया। इस छक्के को देख टीम इंडिया काफी परेशान भी हो गई। अब चार गेंदों में 6 रन चाहिए थे।
तीसरी गेंद- इस गेंद को मिस्बाह ने स्कूप शॉट खेला और गेंद हवा में काफी ऊपर गई। मगर जब वह श्रीसंत के हाथों में आई तो भारतीय दर्शक झूम उठे। मिस्बाह तीसरी गेंद पर आउट हो गए। भारत ने मैच पांच रनों से जीत लिया और पहला विश्वकप खिताब अपने नाम कर लिया।