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Published: May 31, 2023 03:46 PM IST

WTC FinalWTC फाइनल में किशन पर भरत और शार्दुल पर उमेश को प्राथमिकता मिलनी चाहिए: सरनदीप सिंह

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

नयी दिल्ली: भारत के पूर्व चयनकर्ता सरनदीप सिंह (Sarandeep Singh) का मानना है कि ऑस्ट्रेलिया (India vs Australia) के खिलाफ होने वाले विश्व टेस्ट चैंपियनशिप (WTC Final) फाइनल के लिए विकेटकीपर के रूप में ईशान किशन (Ishaan Kishan) की जगह केएस भरत (KS Bharat) को अंतिम एकादश में जगह मिलनी चाहिए। उन्होंने इसके साथ ही ऑलराउंडर शार्दुल ठाकुर (Shardul Thakur) की जगह तेज गेंदबाज उमेश यादव (Umesh Yadav) को अंतिम एकादश में शामिल करने की सिफारिश भी की।

ऋषभ पंत के चोटिल होने के कारण किशन टीम के लिए ‘एक्स फैक्टर’ हो सकते हैं लेकिन सरनदीप ने कहा कि भरत मुख्य विकेटकीपर के रूप में अंतिम एकादश में जगह बनाएंगे। किशन ने अभी तक टेस्ट मैच नहीं खेला है। सरनदीप ने पीटीआई से कहा,‘‘ निश्चित तौर पर केएस भरत का चयन किया जाएगा। वह अच्छा टेस्ट विकेट कीपर है और हमने आस्ट्रेलिया के खिलाफ घरेलू श्रृंखला में भी देखा की उसने अच्छी विकेटकीपिंग की। वह पिछले कुछ समय से टीम में है और उसे मौका मिलना चाहिए। ”

डब्ल्यूटीसी फाइनल (WTC Final) सात जून से लंदन के ओवल में खेला जाएगा। पूर्व भारतीय स्पिनर सरनदीप ने कहा,‘‘ ईशान सलामी बल्लेबाज है और मेरे कहने का मतलब यह नहीं है कि वह टेस्ट खेलने में सक्षम नहीं है। वह भविष्य का एक खिलाड़ी है लेकिन वह सीमित ओवरों की क्रिकेट में पारी की शुरुआत करता है। टेस्ट मैचों में छठे नंबर पर बल्लेबाजी करना भिन्न होगा।”

उन्होंने कहा,‘‘ यह सही है कि वह पहली गेंद से ही हावी हो सकता है जो कि इंग्लैंड में फायदा पहुंचा सकता है लेकिन भरत भी अच्छी बल्लेबाजी कर सकता हैै।” मोहम्मद शमी और मोहम्मद सिराज तेज गेंदबाजी विभाग का जिम्मा संभालेंगे तथा तीसरे तेज गेंदबाज के रूप में उमेश और शार्दुल में से किसी एक का चयन किया जाएगा।

सरनदीप ने कहा,‘‘ मैं शार्दुल की जगह उमेश यादव का चयन करूंगा क्योंकि उसके पास अतिरिक्त गति है और वह पुरानी गेंद को रिवर्स स्विंग करा सकता है। वह ओवल के विकेट पर उपयोगी साबित हो सकता है।” उन्होंने कहा,‘‘ मुझे बल्लेबाजी या गेंदबाजी को लेकर किसी तरह की चिंता नजर नहीं आती। वे सभी अच्छी फॉर्म में हैं। इंग्लैंड में परिस्थितियां चुनौतीपूर्ण होंगी। मौसम हर दिन बदलता रहता है और भारत को परिस्थितियों से सामंजस्य बिठाना होगा।” (एजेंसी)