क्रिकेट
Published: Mar 22, 2022 11:58 AM ISTPAK vs AUS 3rd Testजहां आतंकियों ने मारी थी गोलियां, अहसान रज़ा ने उसी मैदान पर की वापसी
लाहौर: पाकिस्तान और ऑस्ट्रेलिया (PAK vs AUS 3rd test) के बीच तीन टेस्ट मैचों के सीरीज का आखिरी मैच खेला जा रहा है। यह मैच लाहौर (Lahore) के मैदान में हो रहा है। यह अंतिम मैच इस सीरीज का निर्णायक मैच भी है, क्योंकि शुरू के दो मैच ड्रॉ रहे थे। इस तीसरे मैच में खास बात यह है कि, इसमें पाकिस्तानी अंपायर अहसान रज़ा (Ahsan Raza) की वापसी हुई है।
दरअसल, साल 2009 में पाकिस्तान के लाहौर में जब श्रीलंकाई टीम पर आतंकी हमला हुआ था, उस समय अहसान रज़ा को भी दो गोलियां लगी थीं। जिसके बाद अब 13 साल के लंबे इंतजार के बाद अहसान रज़ा उसी मैदान पर वापसी किया है और वह इस दौरान इंटरनेशनल मैच में अंपायरिंग कर रहे हैं।लाहौर का गद्दाफी स्टेडियम पाकिस्तान के सबसे ऐतिहासिक स्टेडियम में से एक है। इसी मैदान पर साल 2009 में पाकिस्तान और श्रीलंकाई टीम के बीच मैच होना था। लेकिन, जब टीम आ रही थी तब उन पर आतंकियों ने गोलीबारी शुरू कर दी थी।
उस आतंकी हमले में श्रीलंका के महेला जयवर्धने, तिलकरत्ने दिलशान समेत कई बड़े खिलाड़ी घायल हुए थे। पाकिस्तानी अंपायर अहसान रज़ा जो उस वक्त एक मिनी वैन में थे, तब उन्हें दो गोलियां लगी थीं। उस दौरान होने वाले मैच के रेफरी क्रिस ब्रॉड भी उनके साथ थे, जिन्होंने अहसान रज़ा के सीने पर हाथ रख उनकी जान बचाई थी।
अहसान रज़ा ने खुद इस बात की जानकारी दी है। उन्होंने बताया था कि उस समय उनके हाथ में आईसीसी की किताब थी, जिसने उनकी जान बचाने में मदद की। दूसर क्रिस ब्रॉड ने रोते-बिलखते हुए भी उनकी मदद की, जिसकी वजह से वह ज़िंदा बच पाए थे। 47 साल के अहसान रज़ा पाकिस्तान के लाहौर से आते हैं। वह 21 फर्स्ट क्लास मैच भी खेल चुके हैं। जिसके बाद वह अब अंपायरिंग करते हैं, उन्होंने अब तक 133 मैचों में अंपायरिंग कर चुके हैं।