दिल्ली

Published: Sep 01, 2021 08:43 AM IST

Dengueदिल्ली: इस साल डेंगू के करीब 100 मामले, सिर्फ अगस्त माह में ही 45 मामले

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

नयी दिल्ली. राष्ट्रीय राजधानी (Delhi) में इस साल डेंगू (Dengue) के कम से कम 97 मामले सामने आए हैं। नगर निगम की सोमवार को जारी रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है। एक जनवरी से 28 अगस्त की अवधि के दौरान डेंगू के मामलों की संख्या भी 2018 के बाद से इस साल सबसे अधिक है। 2018 में इस अवधि में डेंगू के 107 मामले दर्ज किए गए थे। रिपोर्ट के अनुसार अगस्त महीने में 45 मामले सामने आए, जो दर्ज किए गए कुल मामलों का लगभग 46 प्रतिशत है।

डेंगू के मच्छर साफ, ठहरे पानी में पनपते हैं, जबकि मलेरिया के मच्छर गंदे पानी में भी पनपते हैं। मच्छर जनित रोगों के मामले आम तौर पर जुलाई और नवंबर के बीच दर्ज किए जाते हैं, हालांकि यह अवधि दिसंबर के मध्य तक बढ़ सकती है। नगर निगमों की ओर से जारी रिपोर्ट के मुताबिक इस साल 28 अगस्त तक डेंगू के 97 मामले दर्ज किए गए हैं। रिपोर्ट के अनुसार जनवरी में डेंगू का कोई मामला नहीं आया था, फरवरी में दो मामले, मार्च में पांच, अप्रैल में 10 और मई में 12 मामले आए थे।

वहीं, जून में डेंगू के सात मामले और जुलाई में 16 मामले आए थे। पिछले वर्षों में इसी अवधि में 487 (2016), 604 (2017), 107 (2018), 92 (2019) और 78 (2020) मामले सामने आए थे। हालांकि, शहर में अब तक डेंगू से किसी की मौत की खबर नहीं है। सोमवार को जारी नगर निगम की रिपोर्ट के अनुसार इस साल 28 अगस्त तक मलेरिया के 45 मामले और चिकनगुनिया के लगभग 26 मामले भी सामने आए हैं। मलेरिया, डेंगू और चिकनगुनिया में तेज बुखार होता है और इसलिए डॉक्टरों को लगता है कि लोगों को संदेह हो सकता है कि उन्हें कोविड-19 हो गया है। दिल्ली में नगर निगमों ने मच्छर जनित रोगों के प्रकोप को रोकने के लिए अपने स्तर पर उपाय तेज कर दिए हैं।

उत्तरी दिल्ली नगर निगम (एनडीएमसी) के स्थायी समिति के अध्यक्ष जोगी राम जैन ने पिछले सप्ताह सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया की रोकथाम पर बैठक की थी। जैन ने अधिकारियों को एनडीएमसी के तहत सभी क्षेत्रों में जागरूकता अभियान चलाने का निर्देश दिया था ताकि अधिक से अधिक नागरिकों को जागरूक किया जा सके। उन्होंने सरकारी भवनों, स्कूलों, कार्यालयों, सामुदायिक भवनों और औषधालयों के परिसरों में मच्छरों के लार्वा के प्रजनन की नियमित जांच करने के भी निर्देश दिए।