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Published: Sep 18, 2021 12:35 PM IST

Lt Governor Manoj Sinhaजम्मू-कश्मीर : उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा, सरकार का लक्ष्य औद्योगिक क्रांति को अगले चरण पर ले जाना है

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

जम्मू : जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा है कि केंद्रशासित प्रदेश में सरकार का लक्ष्य आज निवेश करके औद्योगिक क्रांति को अगले चरण पर ले जाना है, ताकि भविष्य में अधिकतम आर्थिक लाभ हासिल किया जा सके। सिन्हा ने कहा कि ऐसा नवोन्मेष पारिस्थितिकी तंत्र विकसित करने से ‘आत्मनिर्भर’ भारत का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सपना साकार करने में मदद मिलेगी, जहां निर्माता, सेवा प्रदाता और उपभोक्ता समान सोच के साथ काम करें। 

उपराज्यपाल सिन्हा ने जम्मू विश्वविद्यालय के साल भर चलने वाले स्वर्ण जयंती समारोह के समापन समारोह की अध्यक्षता करते हुए शुक्रवार को कहा कि जम्मू-कश्मीर शिक्षा और खेल में युवाओं की प्रतिभा को पोषित करने के लिए देश के अन्य राज्यों की तुलना में अधिक धन खर्च कर रहा है। उपराज्यपाल ने कहा, ‘‘आप में से कई लोगों को पता होगा कि इस साल जम्मू-कश्मीर युवा सेवा और खेल का बजट 513 करोड़ रुपये है, जो कई बड़े राज्यों की तुलना में अपेक्षाकृत अधिक है। इस अवसर पर उन्होंने रामनगर, रियासी और कठुआ में 43.91 करोड़ रुपये की 11 बुनियादी ढांचा परियोजनाओं का उद्घाटन किया। 

उपराज्यपाल ने कहा कि नवोन्मेष की शक्ति और बेहतर मानव पूंजी का संगम बेहतर कल का निर्माण करेगा। उन्होंने कहा, ‘‘हम तकनीक का इस्तेमाल करके सरकारी प्रक्रियाओं में सुधार कर रहे है और नवाचार, अविष्कार और प्रशिक्षण के आधुनिक केंद्रों के माध्यम से युवाओं को आवश्यकतानुसार दक्ष बना रहे हैं।” सिन्हा ने कहा कि भारत को नवोन्मेष का केंद्र बनाने और प्रौद्योगिकियों को बढ़ावा देने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अभियान ने हर क्षेत्र पर व्यापक प्रभाव डाला है। उन्होंने कहा, ‘‘2020 वैश्विक नवोन्मेष सूचकांक में भारत का शीर्ष 50 देशों-क्लब में शामिल होना उनकी दूरदृष्टि का परिणाम है।”

उपराज्यपाल ने कहा कि जल्द ही ऐसे सॉफ्टवेयर वाली कार आएगी, जो सेल फोन से जुड़ी होगी और जिसमें लोग आगे की सीट पर चालक के बिना कार की पिछली सीट पर बैठकर यात्रा कर सकेंगे। शून्य दुर्घटना का वादा करने वाली यह कार हमारे चालकों एवं गाड़ी चलाना सिखाने वाले स्कूलों की जगह ले लेगी। उन्होंने कहा, ‘‘इसी प्रकार, वे दिन दूर नहीं, जब कोई विद्युत केबल या सौर पैनल नहीं होगा। हमारी खिड़कियां, शीशे के पैनल और छत ही बिजली पैदा करेंगी।

संभवत: कुछ वर्षों में नवोन्मेष की मदद से सड़कें स्वयं बिजली पैदा कर सकेंगी और हमारे शहरों में स्ट्रीट लाइट की जरूरत नहीं रहेगी।” सिन्हा ने कहा कि लोग एक ऐसा परिवर्तन देख रहे हैं जिससे कक्षा की अवधारणा बदल सकती है और मानव शिक्षक के बजाय फोन पढ़ाने का काम करेंगे। उपराज्यपाल ने कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि प्रौद्योगिकी एक महान प्रवर्तक है, लेकिन परिवर्तन की गति सरकार के लिए चुनौतियां भी पैदा करती है। 

उन्होंने अगस्त में पिछले साल जम्मू-कश्मीर का प्रभार संभालने के बाद शासन संबंधी बड़ी सफलताओं का जिक्र करते हुए कहा कि ई-ऑफिस जैसी पहलों, कार्य के क्रियान्वयन में पारदर्शिता के जरिए और लंबे समय से अटकी परियोजनाओं को रिकॉर्ड समय में पूरा करके केंद्रशासित सरकार ने जम्मू-कश्मीर के त्वरित विकास की ठोस नींव का मार्ग प्रशस्त किया है। उन्होंने कहा, ‘‘“हमने ‘एम्पॉवर’ नामक एक सॉफ्टवेयर मॉड्यूल उपलब्ध कराया है जो प्रत्येक नागरिक को किसी विशेष गांव में किए गए काम की प्रगति और सरकार द्वारा जारी की गई राशि को मोबाइल फोन के जरिए देखने में सक्षम बनाता है। ” (एजेंसी)