महाराष्ट्र

Published: Feb 06, 2024 09:40 PM IST

Pawar Vs Pawar'अजित पवार गुट ही असली NCP', उपमुख्यमंत्री ने चुनाव आयोग के फैसले का किया स्वागत

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

मुंबई. भारतीय चुनाव आयोग (Election Commission) ने 6 महीने से अधिक समय तक चली 10 से ज्यादा सुनवाई के बाद मंगलवार को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के विवाद का निपटारा किया और अजीत पवार (Ajit Pawar) गुट के पक्ष में फैसला सुनाया है। आयोग ने अजित पवार गुट (Ajit Pawar) को ही असली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) माना है। इस पर अब अजित पवार का बयान सामने आया है। उन्होंने चुनाव आयोग के फैसले का स्वागत किया है।

एनसीपी प्रमुख और महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजित पवार ने कहा, “चुनाव आयोग ने जो फैसला दिया है उसका मैं स्वागत करता हूं। हमारी पार्टी के नाम और चुनाव चिह्न के मामले में चुनाव आयोग ने हमारे पक्ष में फैसला दिया है, हम बहुत खुश हैं और हम उनको धन्यवाद देना चाहते हैं।”

वहीं, पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष प्रफुल्ल पटेल ने कहा, “हम चुनाव आयोग के फैसले का स्वागत करते हैं। हम लोकतंत्र में रहते हैं और किसी भी फैसले को चुनौती दी जा सकती है। हो सकता है कि इसे सुप्रीम कोर्ट या हाई कोर्ट में चुनौती देने की कोशिश की जाएगी। मैं बस इतना कहना चाहूंगा कि हमने जो फैसला किया वह सही था और चुनाव आयोग के जरिए हमारा फैसला सही साबित हुआ है।”

बता दें कि चुनाव आयोग ने शरद पवार गुट (Sharad Pawar) से पार्टी के तीन नाम मांगे हैं। उन्हें ये तीन नाम कल शाम 4 बजे तक देने हैं। उन्हें 7 फरवरी को नया नाम और चुनाव चिन्ह मिलेगा। चुनाव आयोग ने राज्यसभा चुनावों के मद्देनजर शरद पवार को अपने नए राजनीतिक दल का नाम रखने के लिए विशेष छूट दी है।

गौरतलब है कि 2 जुलाई 2023 को शरद पवार से बगावत कर अजित पवार अपने 8 समर्थक विधायकों के साथ महाराष्ट्र की शिंदे सरकार ​में ​​​​​शामिल हो गए थे। जिसके बाद उन्होंने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली। जबकि, अन्य को मंत्री बनाया गया था। इसके बाद अजित ने दावा किया था कि उनके पास 40 विधायकों का समर्थन है। जिसके चलते पार्टी के नाम और सिंबल पर उनका अधिकार है।

अजित पवार ने 30 जून को चुनाव आयोग में याचिका दायर कर एनसीपी पार्टी के नाम और चुनाव चिन्ह पर दावा किया था। दूसरी तरफ शरद पवार ने पार्टी छोड़कर जाने वाले 9 मंत्रियों समेत 31 विधायकों को अयोग्य घोषित करने की मांग की थी। हालांकि, अजित पवार ने 40 विधायकों के समर्थन के बाद खुद को पार्टी का अध्यक्ष घोषित कर दिया था।