नई दिल्ली/मुंबई. भारतीय चुनाव आयोग (Election Commission of India) ने मंगलवार को बड़ा फैसला सुनाया हैं। आयोग ने अजित पवार गुट (Ajit Pawar) को ही असली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) माना है। जिसके चलते एनसीपी का नाम और चुनाव चिन्ह ‘घडी’ अजित पवार गुट के पास ही रहेगा।
चुनाव आयोग ने शरद पवार गुट (Sharad Pawar) से पार्टी के तीन नाम मांगे हैं। उन्हें ये तीन नाम कल शाम 4 बजे तक देने हैं। उन्हें 7 फरवरी को नया नाम और चुनाव चिन्ह मिलेगा। चुनाव आयोग ने राज्यसभा चुनावों के मद्देनजर शरद पवार को अपने नए राजनीतिक दल का नाम रखने के लिए विशेष छूट दी है।
EC settles the dispute in the Nationalist Congress Party (NCP), rules in favour of the faction led by Ajit Pawar, after more than 10 hearings spread over more than 6 months.
Election Commission of India provides a one-time option to claim a name for its new political formation… pic.twitter.com/1BU5jW3tcR
— ANI (@ANI) February 6, 2024
6 महीने से अधिक समय तक चली 10 से अधिक सुनवाई के बाद, चुनाव आयोग ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के विवाद का निपटारा किया और अजीत पवार के नेतृत्व वाले गुट के पक्ष में फैसला सुनाया है। पिछले साल 2 जुलाई 2023 को शरद पवार से बगावत कर अजित पवार अपने 8 समर्थक विधायकों के साथ महाराष्ट्र की शिंदे सरकार में शामिल हो गए थे। जिसके बाद उन्होंने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली। साथ ही अजित ने दावा किया था कि उनके पास 40 विधायकों का समर्थन है। जिसके चलते पार्टी के नाम और सिंबल पर उनका अधिकार है।
अजित पवार ने 30 जून को चुनाव आयोग में याचिका दायर कर एनसीपी पार्टी के नाम और चुनाव चिन्ह पर दावा किया था। दूसरी तरफ शरद पवार ने पार्टी छोड़कर जाने वाले 9 मंत्रियों समेत 31 विधायकों को अयोग्य घोषित करने की मांग की थी। हालांकि, अजित पवार ने 40 विधायकों के समर्थन के बाद खुद को पार्टी का अध्यक्ष घोषित कर दिया था।