MLA Ravindra Waikar

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नवभारत न्यूज नेटवर्क
मुंबई:
उत्तर-पश्चिम मुंबई लोकसभा चुनाव क्षेत्र से शिवसेना (शिंदे गुट) के उम्मीदवार रवींद्र वायकर का एक बयान बीजेपी नीत महायुति के लिए सिरदर्द साबित हो सकता है। वायकर ने एक अखबार समूह को दिए गए साक्षात्कार के दौरान साफ शब्दों में कह दिया कि उन्होंने उद्धव का साथ मजबूरी में छोड़ा था। जेल जाने के डर से उन्हें भारी मन से ऐसा करना पड़ा। बता दें कि लोकसभा चुनाव से कुछ ही दिन पहले वायकर शिवसेना (उद्धव गुट) छोड़कर शिवसेना (शिंदे गुट) में शामिल हो गए थे। 

वायकर फिलहाल उत्तर पश्चिम मुंबई से उद्धव गुट के उम्मीदवार अमोल कीर्तिकर के खिलाफ लोकसभा चुनाव लड़ रहे है। उन्होंने एक मराठी दैनिक को दिए साक्षात्कार में दावा किया कि उन्हें भ्रष्टाचार के मामले में गलत तरीके से फंसाया गया। बतौर वायकर,  मेरे खिलाफ शिकायत आपराधिक स्वरूप की नहीं थी। मुझे सुप्रीम कोर्ट जाना पड़ा। वकीलों ने मुझसे यह भी कहा कि मेरा मामला राजनीतिक है, लेकिन कोई भी मेरी मदद के लिए आगे नहीं आया। मेरे पास केवल दो विकल्प बचे थे, जेल जाऊं या पार्टी बदल लूं। मुझ पर दबाव था, लेकिन कथित भ्रष्टाचार मामले में मेरे बाद मेरी पत्नी को भी फंसाने की कोशिश होने लगी, जिसके बाद मेरा पास कोई और विकल्प नहीं बचा। नियति ने मेरे लिए सवाल खड़े किए थे। 50 साल तक बालासाहेब की शिवसेना में रहने के बाद मुझे उद्धव ठाकरे का साथ छोड़ना पड़ा। भारी मन से मैंने पार्टी बदली थी। 

वायकर को दलबदल का नोटिस
लोकसभा चुनाव से ठीक पहले शिवसेना (उद्धव गुट) छोड़ कर शिवसेना शिंदे गुट में जाना और फिर उद्धव गुट के उम्मीदवार के खिलाफ लोकसभा चुनाव लड़ रहे विधायक रवींद्र वायकर की मुश्किलें बढ़ने के संकेत मिल रहे हैं। उद्धव गुट ने वायकर को दल बदल कानून के तहत कार्रवाई के लिए कारण बताओ नोटिस भेजा है। शिवसेना (उद्धव गुट) ने उत्तर पश्चिम मुंबई लोकसभा चुनाव क्षेत्र से शिवसेना (शिंदे गुट) के उम्मीदवार रवींद्र वायकर के खिलाफ विधायक के तौर पर अयोग्यता की कार्रवाई की मांग करते हुए अपने वकील असीम सरोदे के जरिए नोटिस भेजा है। सरोदे ने कहा है कि वायकर का व्यवहार विश्वसनीय नहीं है।