महाराष्ट्र

Published: Oct 25, 2021 03:31 PM IST

Aryan Khan Drugs Caseक्रूज़ ड्रग्स केस में 'वसूली' के दावों की एनसीबी करेगी जांच, गवाह ने हलफनामे में लगाए हैं गंभीर आरोप

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
File Photo:ANI

नई दिल्ली: स्वापक औषधि नियंत्रण ब्यूरो (एनसीबी) (NCB) ने क्रूज़ जहाज से मादक पदार्थ (Cruise Drugs Case) बरामदगी मामले में आरोपी आर्यन खान (Aryan Khan) को छोड़ने के लिए एनसीबी (NCB) के कुछ अधिकारियों द्वारा 25 करोड़ रुपये मांगने संबंधी एक गवाह के दावे पर सतर्ककता जांच के आदेश दिए हैं। शहर स्थित मुख्यालय में एनसीबी के उत्तरी क्षेत्र के उप महानिदेशक (डीडीजी) ज्ञानेश्वर सिंह यह जांच करेंगे।

सिंह, संघीय मादक पदार्थ रोधी एजेंसी के मुख्य सतर्कता अधिकारी (सीवीओ) भी हैं। मामले में ‘स्वतंत्र गवाह’ प्रभाकर सैल ने रविवार को दावा किया था कि स्वापक एनसीबी के एक अधिकारी और कथित तौर पर फरार गवाह केपी गोसावी सहित अन्य ने आर्यन खान को छोड़ने के लिए 25 करोड़ रुपये की मांग की थी।

सैल ने पत्रकारों से कहा था कि आर्यन को तीन अक्टूबर को एनसीबी कार्यालय लाने के बाद उन्होंने गोसावी को फोन पर सैम डिसूजा नामक एक व्यक्ति से 25 करोड़ रुपये की मांग करने और मामला 18 करोड़ रुपये पर तय करने के बारे में बात करते सुना था। दरअसल, उन्हें आठ करोड़ रुपये समीर वानखेड़े (एनसीबी के क्षेत्रीय निदेशक) को देने थे। सैल ने यह भी दावा किया था कि उसने गोसावी को शाहरुख खान की प्रबंधक से मुलाकात करते हुए भी देखा था और वानखेड़े की मौजूदगी में एनसीबी अधिकारियों ने उनसे नौ से 10 कोरे कागजों पर हस्ताक्षर करने को भी कहा था।

एजेंसी के मुख्य सतर्कता अधिकारी ज्ञानेश्वर ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘ हमें हलफनामा तथा मुंबई स्थित हमारे डीडीजी (पूर्व-पश्चिम) की रिपोर्ट मिल गई है और एनसीबी के महानिदेशक ने इस रिपोर्ट का संज्ञान लिया है। हम एक पेशेवर संगठन हैं और हम अपने कर्मचारियों के खिलाफ किसी भी आरोप की जांच को तैयार हैं। जांच स्वतंत्र एवं निष्पक्ष होगी।” वानखेड़े के क्रूज़ जहाज मादक पदार्थ मामले की जांच जारी रखने के सवाल पर सिंह ने कहा कि इस पर कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी और ‘‘ हम जांच और उससे संबंधित सबूतों के मिलने पर ही कोई फैसला करेंगे।”

अधिकारियों ने कहा कि एनसीबी, सैल द्वारा किए गए दावों के सभी पहलुओं पर गौर करेगी और वानखेड़े तथा मादक पदार्थ मामले में शामिल मुंबई क्षेत्रीय इकाई के अन्य अधिकारियों के बयान भी दर्ज करेगी। जांच दल सैल से भी पूछताछ कर सकता है। वर्ष 2008 बैच के भारतीय राजस्व सेवा (आईआरएस) अधिकारी वानखेड़े भी जांच में शामिल होने के लिए कुछ दिनों में एनसीबी के मुख्यालय आ सकते हैं। हालांकि उन्होंने सैल द्वारा हलफनामे में लगाए सभी आरोपों को खारिज किया है। वानखेड़े ने रविवार को मुंबई पुलिस आयुक्त को पत्र लिख, अज्ञात लोगों द्वारा कथित सतर्कता संबंधी मामले में फंसाने के लिये उनके खिलाफ ”योजनाबद्ध” कानूनी कार्रवाई किए जाने से संरक्षण की भी मांग की थी। (एजेंसी)