औरंगाबाद

Published: Apr 06, 2021 02:55 PM IST

Aurangabadऔरंगाबाद जिला अस्पताल में पड़ा है 400 टन जैविक कचरा!

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
कंटेन्ट एडिटरनवभारत.कॉम

औरंगाबाद. शहर में इन दिनों कोरोना (Corona) के बढ़ते कहर के बीच अस्पताल परिसर (Hospital Campus) को साफ रखने के लिए प्रशासन द्वारा हर संभव प्रयास जारी है। इन प्रयासों के बावजूद शहर के चिकलथाना परिसर में स्थित जिला सरकारी अस्पताल (District Government Hospital) में इन दिनों 400 जैविक टन कचरा (Organic Waste) पड़ा है। इसको लेकर भाजपा शहराध्यक्ष संजय केणेकर (Sanjay kanekar) ने एक स्टिंग ऑपरेशन (Sting Operation) कर जिला सरकारी अस्पताल के लापरवाही भरे कामकाज की पोल खोली है। शहराध्यक्ष केणेकर  द्वारा किए गए इस स्टिंग ऑपरेशन से प्रशासन में खलबली मची है।

भाजपा शहराध्यक्ष केणेकर ने आरोप लगाया कि जिला सरकारी अस्पताल में बीते करीब एक साल से पड़े इस जैविक कचरे से चिकलथाना परिसर के लोगों का स्वास्थ्य खतरे में है।  कचरा उठाने का ठेका लिए वॉटरग्रेस कंपनी को अस्पताल प्रशासन द्वारा ठेके की रकम अदा न करने से  वह कचरा जमा हुआ है। केणेकर ने कचरा उठाने के ठेके में भ्रष्टाचार होने का आरोप लगाते हुए बताया कि जिला सरकारी अस्पताल में बड़े पैमाने पर घनकचरा जमा होने की जानकारी जिलाधिकारी सहित प्रशासन के कई आला अधिकारियों को है। कचरा न हटाने के लिए स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी ही जिम्मेदार है। 

एक साल कचरा पड़ा है

केणेकर ने बताया कि बीते एक साल से अस्पताल के तल मंजिल में यह कचरा पड़ा है। जैविक कचरे में बड़े पैमाने पर इस्तेमाल की हुई पीपीई किट, हजारों  सुई, सिरिंज, सलाइन बोतले, औषधि आदि वैद्यकीय साहित्य थैलियों में बंद कर  पड़े है। केणेकर के अनुसार बीते एक साल से यह कचरा अस्पताल के तल मंजिल पर पड़ा है। इससे परिसर में रहनेवाले नागरिकों का स्वास्थ्य खतरे में है। जिला प्रशासन और सरकारी अस्पताल को इसकी सारी जानकारी है, इसके बावजूद जिला प्रशासन नागरिकों के स्वास्थ्य के साथ खेलकर महिनों से जमा कचरा उठाने में अनदेखी कर रहा है। 

सिर्फ तीन सप्ताह का जमा है जैविक कचरा 

उधर, केणेकर के आरोपों को नकारते हुए जिला शल्यचिकित्सक डॉ.सुंदर कुलकर्णी ने कहा कि जैविक कचरा उठाने का जिम्मा जिस वॉटरग्रेस कंपनी को दिया हुआ है, वह कंपनी की ओर से लिमिटेड कचरा उठाया जाता है। अस्पताल के तलमंजिल में जमा कचरा तीन सप्ताह से अधिक दिनों का नहीं है। डॉ. कुलकर्णी ने मनपा प्रशासन पर राग अलापते हुए कहा कि मनपा द्वारा भी अस्पताल में जमा कचरा उठाने का प्रयास नहीं किया जाता,  जिससे वर्तमान में अस्पताल के तलमंजिल में कचरा जमा है।