औरंगाबाद

Published: Aug 24, 2022 08:34 PM IST

Aurangabad Heritage पहली बार रोशन हुए औरंगाबाद के 400 साल पुराने ऐतिहासिक दरवाजे

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
कंटेन्ट एडिटरनवभारत.कॉम

औरंगाबाद : औरंगाबाद के इतिहास (History) में पहली बार स्मार्ट सिटी (Smart City) ने अपने हेरिटेज संवर्धन प्रकल्प (Heritage Promotion Project) के एक हिस्से के रुप में शहर के 6 ऐतिहासिक दरवाजे (Historic Doors) और शहागंज क्लॉक टावर (Shahganj Clock Tower) के प्रथम दर्शनी हिस्से मेें लाईटिंग कर उन्हें रोशन किया है। इस प्रकल्प में ऐतिहासिक वास्तुकला का संंवर्धन और सुशोभीकरण शामिल था। ऐतिहासिक दरवाजों पर की गई लाईटिंग से शहर के खूबसूरती में इजाफा करने के साथ ही नागरिकों में शहर के ऐतिहासिक विरासत को लेकर अभिमान बढ़ाने का उद्देश्य है। 

महानगरपालिका कमिश्नर और स्मार्ट सिटी के सीईओ डॉ. अभिजीत चौधरी के मार्गदर्शन में स्मार्ट सिटी हेरिटेज संवर्धन प्रकल्प के अंतर्गत शहर के हेरिटेज वास्तुओं को रोशन किया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि औरंगाबाद स्मार्ट सिटी डेवलपमेंट कारपोरेशन लिमिटेड के विरासत संवर्धन प्रकल्प के अंतर्गत पैठण गेट, रोशन गेट, कटकट गेट, खिजरी गेट, काला दरवाजा, तटबंदी दिवार सहित नौबत दरवाजा, जाफर गेट, बारापुल्ला गेट, महेमुद गेट के अलावा निजाम कालिन शाहगंज क्लॉक टावर की बहाली और सुशोभीकरण का काम लगभग पूरा हो चुका है। यह सारे काम स्मार्ट सिटी के हेरिटेज कॉन्झव्र्हेशनिस्ट और आर्किटेक्ट स्नेहा बक्षी ने इंटेक से सलाह मशविरा कर किया। प्रकल्प के एक हिस्से के रुप में 4 सदियों पुराने इन विरासतों को अतिक्रमण से मुक्त किया गया। शहर के पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए और नागरिकों में शहर के विरासत का अभिमान और अपने पन का एहसास विकसित करने उद्देश्य से पारंपरिक  पद्धति के साथ साहित्यों का इस्तेमाल कर उन ऐतिहासिक दरवाजों का संवर्धन किया गया। 

ऐतिहासिक दरवाजों और क्लॉक टावर पर स्थायी रूप से लाइटिंग 

उसी तरह 1901 से 1906 के दरमियान निर्माण किए हुए शाहगंज क्लॉक टॉवर का नूतनीकरण किया गया। वहां लगी हुई घड़ी को भी कार्यान्वित किया गया। अब महानगरपालिका कमिश्नर और प्रशासक डॉ. अभिजीत चौधरी के निर्देश पर दरवाजों पर की गई लाइटिंग के कार्य का टेस्ट लिया गया। इसमें शहर के ऐतिहासिक दरवाजों में से 6 दरवाजों पर और क्लॉक टावर पर स्थायी रुप से लाइटिंग की गई है। विशेषकर, जिन दरवाजों से शहर की पहचान सिटी ऑफ गेट्स के रुप में हुई है। उस दरवाजे पर स्थायी रुप से लाइटिंग की गई है। जयपुर स्थित एजेंसी गियर्स को ऐतिहासिक विरासतों पर लाइटिंग करने के लिए निविदा प्रक्रिया के माध्यम से नियुक्ति की गई है। इस एजेंसी ने इससे पूर्व ग्वालियर स्मार्ट सिटी और अन्य शहरों में भी काम किया है। 6 ऐतिहासिक दरवाजे और शहागंज क्लॉक टावर पर लाइटिंग पूरी की जा चुकी है। लाइटिंग कॉन्ट्रैक्ट में 1 साल की वारंटी और 4 साल की देखरेख शामिल होने की जानकारी स्मार्ट सिटी की अर्पिता शरद ने दी।