औरंगाबाद

Published: Jun 26, 2022 05:07 PM IST

Maharashtra Politics Crisisअराजकता निर्माण कर फडणवीस सत्ता हथियाने के फिराक में : चन्द्रकांत खैरे

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
कंटेन्ट एडिटरनवभारत.कॉम

औरंगाबाद : जिन विधायकों (MLAs) ने शिवसेना (Shiv Sena) से बगावत की है। उन्हें शिवसेना ने बहुत कुछ दिया है। जो विधायक उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) के नहीं हो सके, वे बीजेपी के कैसे होंगे? यह सवाल शिवसेना के वरिष्ठ नेता चन्द्रकांत खैरे (Chandrakant Khaire) ने उपस्थित करते हुए आरोप लगाया कि राज्य के विरोधी पक्ष नेता देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) राज्य में अराजकता निर्माण कर सत्ता हथियाने के फिराक में है। इसके बावजूद फडणवीस का यह सपना पूरा न होकर महाराष्ट्र में महाविकास आघाडी सरकार ही स्थापित रहेगी। 

शहर के पार्टी के प्रमुख नेताओं की उपस्थिति में चन्द्रकांत खैरे ने प्रेस वार्ता का आयोजन किया था। तब उन्होंने पार्टी के बागी विधायकों और देवेंद्र फडणवीस पर निशाना साधा। प्रेस वार्ता में जिला प्रमुख अंबादास दानवे, पूर्व मेयर नंदकुमार घोडेले, पूर्व मेयर त्रिबंक तुपे, पूर्व विधायक किशु तनवानी,अशोक पटवर्धन,  बंडु ओक, राजू वैद्य उपस्थित थे। खैरे ने साफ किया कि सरकार के माध्यम से मिला निधि यह उद्धव ठाकरे के सिफारिश से पार्टी के सभी विधायकों को मिला है। बार-बार तबियत खराब होने के चलते सीएम ठाकरे सामने नहीं आए। इसका गलत फायदा पार्टी के कुछ नेताओं ने उठाया। यह निधि आम जनता के कर से जमा होता है। उसका फायदा जनता के लिए होना चाहिए। बागियों के विकास के लिए न हो, यह सलाह भी खैरे ने बागियों को दी। 

अब्दुल सत्तार पर अलापा राग

खैरे ने राज्य के राजस्व राज्यमंत्री और जिले के सिल्लोड के विधायक अब्दुल सत्तार, पश्चिम के विधायक संजय सिरसाठ द्वारा की बगावत पर कड़ी नाराजगी जताते हुए कहा कि सीएम उद्धव ठाकरे ने इन्हें बहुत कुछ दिया। खैरे ने सत्तार पर आरोप लगाते हुए कहा कि पैसे के जोर पर उन्होंने बगावत की है। जब सत्तार शिवसेना में प्रवेश लेना चाह रहे थे, तब मैंने उनका खुलकर विरोध किया था। जब पार्टी में आए तो जिला परिषद चुनाव में सत्तार ने पार्टी आलाकमान के आदेश को दरकिनार किया था। तब ही उन्हें पार्टी से हटाना तय था। लेकिन, यहीं एकनाथ शिंदे के चलते सत्तार बचे थे। पार्टी ने उन्हें बहुत मान सम्मान दिया। इसके बावजूद वे बगावत कर बैठे। 

संजय सिरसाठ पर भी बरसे खैरे 

औरंगाबाद पश्चिम के विधायक संजय सिरसाठ द्वारा बगावत करने पर भी सेना नेता चन्द्रकांत खैरे जमकर बरसे। उन्होंने कहा कि शिवसेना के बलबुते पर सिरसाठ नगरसेवक और तीन बार विधायक बने। सीएम ठाकरे द्वारा मिलने के लिए समय न देने पर सिरसाठ द्वारा उठाए सवाल पर खैरे ने कहा कि जब सिरसाठ अपने शौक के लिए 5-5 दिन गायब रहते थे। तब उन्हें जनता की फिक्र नहीं थी। आज उन्होंने करोड़ो की संपत्ति जमा की है। यह संपत्ति कहां से आयी ? यह सवाल भी खैरे ने किया। 

आज भी मातोश्री के दरवाजे खुले है 

शिवसेना के वरिष्ठ नेता ने बगावत किए विधायकों से अपील करते हुए कहा कि वे आगामी दो दिन में वे सोच-विचारकर अपना निर्णय बदलते हुए मातोश्री पहुंचा जाए। पहले जो सम्मान पार्टी में उनका था, वहीं सम्मान बरकरार रहेंगा। खैरे ने बागियों को चेताया कि आपकी बगावत से महाराष्ट्र की जनता में काफी रोष है।  इसका असर आगामी चुनावों में आपको दिखाई देगा। अपने भविष्य को बेहतर बनाने के लिए अपना निर्णय बदल ले। खैरे ने विश्वास जताते हुए कहा कि  विधायक कितने भी बगावत कर ले, शिवसेना कमजोर नहीं होगी। क्योंकि, शिवसेना की स्थापना बालासाहेब ठाकरे ने की हुई है। जिन्होंने बगावत की वे दूबारा पार्टी में नहीं आए तो पार्टी से सालों से जुड़े हुए दूसरी फली के कार्यकर्ताओं को अवसर मिलेंगा। उन्होंने स्थानीय पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं को साफ कहा कि जो लोग बगावत करना चाहते है, वे आज ही कर ले। 

शिवसेना यानी संघर्ष 

खैरे ने शिवसेना पार्टी का नाम ही संघर्घ होने का दावा करते हुए कहा कि पार्टी के इस तरह के संकट नए नहीं है। इन बागियों के छाती पर दूबारा पूरे महाराष्ट्र में सेना का केसरिया लहराकर रहेंगा। पार्टी के वरिष्ठ नेता ने कहा कि औरंगाबाद जिले की जनता शिवसेना को मानने वाली है। क्योंकि, इस जिले की जनता शिवसेना प्रमुख के विचारों से प्रेरित है। इसलिए यह गढ़ सालों से सेना का गढ़ है। यहां शिवसेना कमजोर होना असंभव है। यह विश्वास भी खैरे ने जताया। अंत में प्रेस वार्ता में उपस्थित जिला प्रमुख अंबादास दानवे ने बताया कि सोमवार से पूरे जिले में पार्टी पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं की बैठक का आयोजन किया जा रहा है। बागियों के खिलाफ सबसे जोरदार प्रदर्शन औरंगाबाद में हुआ है। शिवसेना कमजोर हुई यह कहना पूरी तरह गलत होने का दावा दानवे ने किया।