औरंगाबाद

Published: Dec 01, 2021 09:43 PM IST

Farmer Suicideलोकसभा में गुंजी मराठवाड़ा के किसानों की आवाज, सांसद जलील ने उठाया किसानों के आत्महत्या का मुद्दा

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
कंटेन्ट एडिटरनवभारत.कॉम

औरंगाबाद : पिछले एक साल में मराठवाड़ा (Marathwada) में 756 किसानों (Farmers) ने आत्महत्याएं (Suicide) की। राज्य और केंद्र सरकार (Central Government) द्वारा मदद को लेकर जारी तनातनी के चलते किसानों को मदद नहीं मिल पा रही है। इसलिए वे आत्महत्या के लिए मजबूर हुए है। ऐसे में किसानों को तत्काल मदद के लिए केंद्र सरकार कड़े कदम उठाकर मराठवाड़ा के किसानों को विशेष पैकेज देने की मांग औरंगाबाद के सांसद इम्तियाज जलील ने बुधवार को लोकसभा में शीतकालीन अधिवेशन के दरमियान की।

शून्य काल में सांसद जलील ने लोकसभा में किसानों के आत्महत्या का मुद्दा उठाते हुए बताया कि किसानों की मौत सिर्फ आंकड़ा बनकर रह गयी है। केंद्र सरकार द्वारा गत वर्ष लाए गए तीन कृषि कानूनों के खिलाफ जारी प्रदर्शन के दरमियान 750  किसानों ने अपनी जान गंवाई। लेकिन, गत एक साल में मराठवाड़ा में 750 किसानों ने आत्महत्या की। इस मुद्दे पर सांसद जलील लोकसभा में आक्रमक हुए। उन्होंने बताया कि आत्महत्या करने वालों में  औरंगाबाद जिले के 150 और बीड़ जिले के 174 किसान शामिल है। इसलिए एमआईएम दिल्ली में जारी किसानों के आंदोलन का समर्थन करती है।

750 किसानों ने आत्महत्या की

जलील ने लोकसभा में बताया कि इस साल मराठवाड़ा में खूब बारिश हुई। अतिवृष्टि  के चलते मराठवाड़ा में फसलें पूरी तरह नष्ट हुई। जिससे किसानों का बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ। अधिक बारिश के चलते किसानों को हुए नुकसान का तत्काल पंचनामा कर उन्हें आर्थिक मदद मिलनी चाहिए थी। लेकिन, केंद्र और राज्य सरकार से मदद मिलने को लेकर जारी तनातनी  के चलते किसान सरकार से आर्थिक मदद पाने से वंचित है। किसानों के पास फसलों का बीमा है, लेकिन बीमा कंपनियों द्वारा किसानों को समय पर आर्थिक मदद नहीं पहुंचाने के कारण किसान आर्थिक तंगी और तनाव की स्थिति में आत्महत्या करने के लिए मजबूर है। किसानों को समय पर मदद नहीं  मिलने के कारण ही गत एक साल में मराठवाड़ा क्षेत्र के 750 किसानों ने आत्महत्या की।

पंचनामे किए जाते है

नुकसान के बाद दिखावे के लिए पंचनामे किए जाते है। उसके बाद राज्य सरकार केंद्र सरकार से हिस्सा नहीं मिलने का ढिंढोरा पीटकर बीमा की राशि किसानों को नहीं मिलने का दावा राज्य सरकार से किया जा रहा है। सिर्फ राज्य और केंद्र सरकार के बीच किसानों को मदद देने को लेकर जारी तनातनी  के चलते ही मराठवाड़ा में किसानों ने  बड़ी संख्या में आत्महत्याएं  करने का आरोप सांसद जलील ने लोकसभा में लगाया। उन्होंने कहा कि यह देश के लिए एक चिंता का विषय है। मराठवाड़ा के किसानों को राहत देने के लिए तत्काल विशेष पैकेज देने की मांग भी सांसद जलील ने लोकसभा में की।