औरंगाबाद

Published: May 08, 2023 09:42 PM IST

Chhatrapati Sambhajinagar ईडी से मुझे कोई नोटिस नहीं मिली: आस्तिक कुमार पांडेय

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
कंटेन्ट एडिटरनवभारत.कॉम
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छत्रपति संभाजीनगर: देश भर में बहुचर्चित शहर के प्रधानमंत्री आवास योजना घोटाले (Pradhan Mantri Awas Yojana Scam) को लेकर मुझे किसी तरह की नोटिस (Notice) ईडी कार्यालय (ED Office) से नहीं मिली है। सोमवार को दिनभर शहर में जिले के कलेक्टर और महानगरपालिका के तत्कालीन कमिश्नर आस्तिक कुमार पांडेय (Astik Kumar Pandey) को ईडी की नोटिस आने की चर्चा जारी है। इस पर उन्होंने स्पष्टीकरण देते हुए साफ किया कि मुझे ईडी कार्यालय से किसी प्रकार की नोटिस नहीं आई है। मैं अन्य काम के लिए मुंबई आया हूं।

गौरतलब है कि गत वर्ष मार्च माह में केन्द्र सरकार के निर्देश पर महानगरपालिका प्रशासन ने शहर में प्रधानमंत्री आवास योजना को लेकर निविदा जारी की थी। उस समय महानगरपालिका कमिश्नर के रुप में जिले के वर्तमान कलेक्टर आस्तिक कुमार पांडेय कार्यरत थे। उनके नेतृत्व में ही पीएम आवास योजना की निविदा जारी हुई थी। यह बात अलग है कि उस योजना काम शुरु नहीं हो पाया था। योजना में शहर में 39 हजार घरों का निर्माण करने का निर्णय लिया गया था। इसी दरमियान महानगरपालिका कमिश्नर आस्तिक कुमार पांडेय का तबादला होकर डॉ. अभिजीत चौधरी की महानगरपालिका कमिश्नर पद पर नियुक्ति हुई थी।

महानगरपालिका उपायुक्त ने दर्ज कराई थी शिकायत

 उन्होंने करीब दो माह पूर्व पीएम आवास योजना में हुए घोटाले को उजागर करने के बाद यह मामला देश स्तर पर चर्चा में आया। इस घोटाले को लेकर महानगरपालिका  उपायुक्त अपर्णा थेटे ने योजना का काम ली एजेंसी समरथ मल्टिबीज इंडिया प्रा. लि. ने मिलीभगत करते हुए तीन कंपनियों के एक ही आईडी एड्रैस से टेंडर भरने को लेकर सिटी चौक थाने में शिकायत लिखाई थी। जिसके बाद उन तीनों एजेंसियों के संचालकों के खिलाफ मामला दर्ज हुआ था।  

अपर्णा थेटे से हो चुकी है पूछताछ

महानगरपालिका के तत्कालीन कमिश्नर डॉ. अभिजीत चौधरी ने टेंडर प्रक्रिया का करीब से अध्ययन करने के बाद  समरथ कन्स्ट्रक्शन कंपनी के मालिक ने निविदा भरते समय घोटाला करने की बात खुलकर सामने आई। उसके बाद उन्होंने महानगरपालिका की उपायुक्त अपर्णा थेटे को घोटाले में शामिल निविदा भरनेवाले तीन एजेंसियों के संचालकों के खिलाफ अपराध दर्ज करने के निर्देश दिए थे। तत्कालीन कमिश्नर के निर्देश पर तीन एजेंसियों के संचालकों पर मामले दर्ज किए गए। इधर, मामले की गंभीरता को देखकर केन्द्रीय प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने इस मामले की जांच शुरु की। घोटाला उजागर होने के बाद ईडी के अधिकारियों ने अपर्णा थेटे को मुंबई बुलाकर 4 से 5 दिन पूछताछ की थी। 

दिनभर इस बात की थी चर्चा

इधर, सोमवार को दिन भर जिले के कलेक्टर आस्तिक कुमार पांडेय को पीएम आवास योजना घोटाले को लेकर ईडी की नोटिस आने की चर्चा जारी थी। इस पर स्पष्टीकरण देते हुए कलेक्टर पांडेय ने बताया कि मैं राज्य के नए मुख्य सचिव मनोज सौनिक से मिलने मुंबई आया हूं। मुझे ईडी से किसी प्रकार की नोटिस नहीं मिली है।