औरंगाबाद

Published: Feb 02, 2023 04:49 PM IST

Aurangabad Newsजानिए क्यों शक के घेरे में हैं औरंगाबाद स्मार्ट सिटी के उप मुख्य कार्यकारी अधिकारी अरुण शिंदे

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
कंटेन्ट एडिटरनवभारत.कॉम

औरंगाबाद : औरंगाबाद स्मार्ट सिटी प्रशासन (Aurangabad Smart City Administration) ने बिना टेंडर मीडिया हाउस एजेंसी (Media House Agency) को करीब 2 करोड़ रुपए के विज्ञापन (Advertisement) अखबारों (Newspapers) में प्रकाशित करने के लिए दिए। यह बात सूचना के अधिकार के तहत मांगी गई जानकारी में सामने आई। इसको लेकर स्थानीय अखबारों में बुधवार को खबरें प्रकाशित होने के बाद स्मार्ट सिटी के सीईओ डॉ. अभिजीत चौधरी (CEO Dr. Abhijit Chowdhary) ने तत्काल जांच के आदेश दिए है। यह मामला उजागर होने के बाद स्मार्ट सिटी प्रशासन में दिन भर खलबली मची हुई थी। इस मामले में स्मार्ट सिटी का वरिष्ठ अधिकारी शक के दायर में है। 

मिली जानकारी के अनुसार शहर के तबरेज खान नामक एक व्यक्ति ने सूचना के अधिकार के तहत स्मार्ट सिटी कार्यालय में अखबारों को दिए जाने वाले विविध टेंडर के विज्ञापन और अन्य विज्ञापनों के लिए नियुक्त मीडिया हाउस एजेंसी को किस बेस पर टेंडर दिया गया, इसकी जानकारी मांगी। तब प्रशासन ने बिना टेंडर किए मीडिया हाउस को अखबारों में विज्ञापन प्रकाशित करने का ठेेका दिए जाने की जानकारी सामने आई। इसको लेकर बुधवार को शहर के कई अखबारों ने खबरें प्रकाशित की। इन खबरों पर स्मार्ट सिटी के सीईओ डॉ. अभिजीत चौधरी ने तत्काल संज्ञान लेते हुए आनन-फानन में उपमुख्य कार्यकारी अधिकारी सौरभ जोशी को इस मामले के जांच के आदेश दिए है। 

तत्काल ठेका रद्द करने की मांग

चर्चा यह है कि मीडिया हाउस एजेंसी का मालिक गत दो सालों से स्मार्ट सिटी कार्यालय के वरिष्ठ अधिकारी के काफी करीबी था। इसी का फायदा उठाकर वह स्मार्ट सिटी कार्यालय में कार्यरत अन्य अधिकारियों और कर्मचारियों पर रौब जमा रहा था। उसके रौब से कई कर्मचारी परेशान थे। लेकिन, वे एजेंसी का मालिक मुकेश तिवारी वरिष्ठ अधिकारी के करीबी होने से चुप्पी साधे हुए थे। उधर, शहर के पूर्व मेयर नंद कुमार घोडिले और पूर्व नगरसेवक भाऊसाहब जगताप ने मीडिया हाउस की अवैध नियुक्ति पर कड़ी नाराजगी जताते हुए तत्काल यह ठेका रद्द करने की मांग की। सौरभ जोशी ने इस मामले की गहराई में जाकर जांच की तो मीडिया हाउस एजेंसी का मालिक किस वरिष्ठ अधिकारी के करीब था, यह बात खुलकर सामने आना तय है। विशेषकर, जो अधिकारी एजेंसी के मालिक करीब था।