औरंगाबाद

Published: Dec 13, 2021 08:07 PM IST

Muslim Community Reservation जानें क्यों औरंगाबाद में एमआईएम नहीं लड़ेगी महानगरपालिका और नगरपालिका का चुनाव

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
कंटेन्ट एडिटरनवभारत.कॉम

औरंगाबाद : जिन दलों (Parties) ने मुस्लिम समुदाय (Muslim Community) के  वोटों (Vote) पर सत्ता (Power) पाई, वही दल आज राज्य (State) में सत्ता में है। उन दलों ने  इसी माह आयोजित राज्य सरकार के शीतकालीन अधिवेशन (Winter Session) में मुस्लिम समुदाय को शिक्षा में 5% आरक्षण (Reservation) देने के बील को पारित कर उस पर तत्काल अमलीजामा पहनाए। राज्य सरकार ने अगर यह निर्णय लिया तो एमआईएम उन दोनों दलों को गिफ्ट देते हुए जल्द होने वाले सभी महानगरपालिका और  नगर पालिका चुनाव नहीं लड़ेगी। यह घोषणा एमआईएम के प्रदेशाध्यक्ष और  सांसद इम्तियाज जलील ने आयोजित प्रेस वार्ता में की।

जलील ने बताया कि हम जब भी मुस्लिम समुदाय से संबंधित प्रलंबित मांगों पर आवाज उठाते है, तब राज्य में सत्तासीन कांग्रेस और एनसीपी हम पर चुनाव के लिए राजनीति करने का आरोप लगाते है। जलील ने बताया कि मुस्लिम समुदाय को आरक्षण देने को लेकर न्यायालय ने भी आदेश दिया हुआ है। ऐसे में इस बिल को पारित करने में किसी प्रकार की रुकावटे सरकार को नहीं आएगी। सांसद जलील ने दोनों दलों पर तंज कसते हुए कहा कि अबकि बार हम मुस्लिम समुदाय को आरक्षण देने को लेकर किसी प्रकार की राजनीति एमआईएम नहीं करेगी। दोनों दल मिलकर आगामी शीतकालीन अधिवेशन में मुस्लिम समुदाय को आरक्षण देने का बिल पारित कर दे। राज्य सरकार अगर यह बिल पारित करती है तो एमआईएम जल्द होनेवाले मुंबई सहित राज्य भर के कई महानगर पालिका, नगर पालिका चुनाव नहीं लड़ेगी। सरकार ने यह बिल पारित करते ही एमआईएम महानगरपालिका और नगर पालिका चुनाव न लड़ने की घोषणा पार्टी सुप्रीमो असादुदीन ओवैसी खुद करेंगे।  

कांग्रेस-एनसीपी नेताओं के बयानों की दिखाई जाएगी सीडी        

एमआईएम ने कांग्रेस-एनसीपी को चेताया कि अगर वह आगामी शीतकालीन अधिवेशन में आरक्षण का बिल पारित नहीं करेगी तो पार्टी की ओर से आरक्षण के लिए और कड़ा आंदोलन छेड़ा जाएगा। बल्कि, आगामी महानगरपालिका और नगर पालिका चुनावों में गली-गली में मुस्लिम आरक्षण को लेकर महाराष्ट्र एसेंबली में कांग्रेस-एनसीपी के  नेताओं ने जो गुहार लगाई थी, उसकी सीडी दिखाकर उनका मुस्लिम समुदाय के साथ दिखावा वाला प्रेम उजागर किया जाएगा। जलील ने बताया कि मुस्लिम समुदाय को तत्कालीन आघाडी सरकार ने दिया हुआ आरक्षण पूरी तरह संवैधानिक है। उसे दूबारा स्थापित कर मुस्लिम समाज को न्याय देने की मांग जलील ने राज्य सरकार से की। 

वक्फ बोर्ड को दिया जाए विशेष पैकेज

सांसद जलील ने बताया कि मुस्लिम समुदाय में आर्थिक स्थिति कमजोर होने से उनके बच्चे उच्च शिक्षा हासिल नहीं कर पाते। ऐसे में सरकार ने राज्य वक्फ बोर्ड को विशेष पैकेज हर साल देना चाहिए। ताकि, उस पैकेज के सहारे वक्फ बोर्ड उनकी जमीनों पर स्कूल, अस्पताल बनाकर समाज के उन्नति के लिए कार्य कर सके। जलील ने बताया कि बोर्ड की जमीनों पर बड़े पैमाने पर सरकारी कार्यालयों का कब्जा है, वह जमीन वक्फ बोर्ड को मिल जाए तो वहां स्कूल और कॉलेज खोले जा सकते। जलील ने मुस्लिम समुदाय के पिछड़े पन के लिए कांग्रेस-एनसीपी को जिम्मेदार ठहराया। पत्रकार परिषद में सांसद जलील के अलावा पार्टी नेता डॉ. गफार कादरी, शहराध्यक्ष शाहरेख नक् शबंदी आदि उपस्थित थे।