औरंगाबाद

Published: Apr 07, 2023 09:16 PM IST

MP Imtiaz Jaleel जानें क्यों एमपी इम्तियाज जलील ने पीएम नरेंद्र मोदी को लिखा पत्र, यहां पढ़ें पूरी जानकारी

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
कंटेन्ट एडिटरनवभारत.कॉम

छत्रपति संभाजीनगर: रामनवमी की पूर्व रात में शहर के किराडपुरा परिसर में हुए घटना का मैं गवाह हूं। किराडपुरा में हुई दुर्भाग्य पूर्ण घटना को लेकर कई गंभीर प्रश्न उपस्थित हो रहे है। ऐसे में केन्द्र सरकार और महाराष्ट्र सरकार (Maharashtra Government) को उच्च न्यायालय के निवृत्त न्यायाधीश द्वारा इस घटना की उच्चस्तरीय जांच करने के आदेश देने की विनंती जिले के सांसद इम्तियाज जलील ( MP Imtiaz Jaleel) ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) को पत्र (Letter) लिखकर की। पत्र की प्रतियां देश के गृहमंत्री अमित शाह, महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे, डिप्टी सीएम देवेन्द्र फडणवीस, महाराष्ट्र के पुलिस महानिदेशक को भी भेजी। पत्र में सांसद जलील ने दंगे की रात पुलिस की भूमिका पर कई सवाल उठाएं। 

पीएम मोदी के नाम लिखे पत्र में सांसद जलील ने बताया कि 30 मार्च 2023 की रात शहर के किराडपुरा परिसर में स्थित राम मंदिर में रामनवमी की तैयारियां जारी थी। उसके बाद वहां हुई घटना में पुलिस द्वारा की गई फायरिंग में एक व्यक्ति की मौत हुई। इस घटना को लेकर सांसद जलील ने पुलिस की भूमिका पर और घटनास्थल पर पुलिस अधिकारी काफी देर तक अनुपस्थिति रहने को लेकर कई सवाल उपस्थित होने से आगाह किया। 

राम मंदिर में मैं खुद दो घंटे उपस्थित था

पत्र में जलील ने बताया कि राम मंदिर में मैं खुद दो घंटे उपस्थित था। किराडपुरा में आगजनी और पथराव की घटना शुरु होने के काफी देर तक सिर्फ 15 पुलिस तैनात थे। उन्हें मंदिर की सुरक्षा के अलावा पत्थरबाजी करनेवाले और वाहनों को आग के हवाले करने वाले लोगों का तमाशा देखने का काम सौंपा गया था। पुलिस तमाशा बिन बने रहने से वहां 13 वाहन जले, इसमें अधिकतर पुलिस वाहन शामिल थे। उस रात हुई घटना का मैं गवाह हूं क्योंकि बार-बार उग्र भीड़ पर नियंत्रण रखने का प्रयास करते हुए मैं खुद राम मंदिर की सुरक्षा के लिए दो घंटे भीतर खड़ा रहा। 

पुलिस की भूमिका पर उठाए प्रश्न, कहा- कहां थी पुलिस

सांसद जलील ने पीएम मोदी को लिखे पत्र में कहा कि दंगाईयों को दंगा करने के लिए पुलिस प्रशासन द्वारा खुली छुट क्यों दी गई?। उस रात जब पुलिस के 13 वाहन जलाए गए, तब पुलिस कहां थी। यह गंभीर प्रश्न खुलकर सामने आ रहे हैं। इन दिनों पूरा शहर सीसीटीवी के नजर में हैं। ऐसे में दंगा फैलने के बाद पुलिस द्वारा घटना को रोकने के लिए  क्या प्रयास किए गए, इसके फुटेज घटना होकर एक सप्ताह गुजर जाने के बाद भी क्यों सामने नहीं आ पा रहे हैं। अग्निशमन दलों के वाहनों को घटनास्थल पहुंचने से क्यों रोका गया?। जिस स्थान पर वाहन जलाए जा रहे थे, उस स्थान पर पुलिस को जाने की इजाजत वरिष्ठ अधिकारियों ने क्यों नहीं दी?। ऐसे कई प्रश्न सांसद जलील ने पीएम मोदी को लिखे पत्र में उठाएं।

घटना के पीछे कोई षडयंत्र  

अंत में एमपी जलील ने किराडपुरा में हुई घटना पर शंका जताते हुए कहा कि इसके पीछे जरुर कोई षडयंत्र है। ऐसे में इस घटना की गहराई से जांच होना जरुरी हैं। किराडपुरा हुए घटना की उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश द्वारा जांच करने के आदेश महाराष्ट्र सरकार को देने की विनंती सांसद जलील ने देश के पीएम मोदी को लिखे पत्र में की। जलील ने बताया कि इस घटना से देश में बड़ा अनर्थ हो सकता था। ऐसे में इस घटना की सच्चाई सामने आना जरुरी है।