छत्रपति संभाजीनगर : शहर के किराडपुरा में रामनवमी पर्व की पूर्व रात हुए दंगे (Riots) में उपद्रवियों ने करीब चार घंटे तक हंगामा कर पुलिस (Police) के वाहनों को आग के हवाले किया था। यह घटना होकर तीन दिन से अधिक तक का समय गुजरा है। परंतु शहर पुलिस दंगा आखिर क्यों हुआ, इसके तह तक जाने में नाकाम हुई है। उधर, पुलिस ने दंगाइयों को गिरफ्तार (Arrested) करने के लिए प्रयास तेज कर दिए है। गत तीन दिन में पुलिस ने 28 दंगाइयों को गिरफ्तार किया है। यह सभी दंगाई इन दिनों पुलिस हिरासत में है। परंतु अब यह सवाल यह उठ रहे हैं कि पुलिस प्रशासन दंगा क्यों हुआ इसकी तह तक जाने में 90 घंटे से अधिक समय गुजरने के बावजूद नाकाम क्यों हुई है। इस पर अब नागरिक सवाल उठा रहे है।
पत्रकारों से बातचीत करते हुए शहर के पुलिस कमिश्नर डॉ. निखिल गुप्ता ने बताया कि दंगाइयों को पकड़ने के लिए हमारी जांच तेजी से जारी है। क्योंकि, दंगाइयों ने दंगा करते समय इस परिसर के स्ट्रीट लाइट फोड़ दिए थे। उसके बाद वहां लगे कई सीसीटीवी भी उन्होंने तोड़ो थे। इसके बावजूद हमें बड़े पैमाने दंगाइयों के दंगा करने के कई सबूत मिले है। पुलिस के पास 650 से 700 पेज का डेटा है। उस डेटा को खंगालकर हम दंगाइयों को गिरफ्तार करने में जूटे हुए है। इसके लिए फॉरेंसिक लैब की मदद भी ली जा रही है। हर एंगल से दंगाइयों की पहचान कर ही हम दंगाइयों को गिरफ्तार कर रहे है। पुलिस ने 50 से अधिक दंगाइयों की पहचान कर ली है। इसको लेकर पुलिस अधिकारी और कर्मचारी युद्धस्तर पर प्रयास कर रहे है। सीपी डॉ. गुप्ता ने बताया कि पुलिस ने दंगाइयों की धरपकड़ शुरु करने के बाद कई दंगाई फरार हुए है। उनकी सरगर्मी से भी तलाश में पुलिस जूटी हुई है। उन्होंने साफ किया कि पुलिस सभी दंगाइयों की पहचान कर उन्हें गिरफ्तार करके उन्हें कोर्ट के सामने पेश करेंगी।
दंगा क्यों हुआ इसका हम पता नहीं लगा पाए
एक सवाल के जवाब में सीपी डॉ. गुप्ता ने माना कि दंगा क्यों हुआ इसकी तह तक हम नहीं पहुंच पाए है। अभी हम ज्यादा से ज्यादा दंगाइयों को गिरफ्तार करने में जूटे हुए है। हमारी एक टीम दंगाइयों की पहचान में जूटी हुई है। सीपी के इस बयान के बाद अब यह साफ हो चुकी है कि दंगा होकर तीन दिन से अधिक का समय गुजरा है। परंतु पुलिस दंगा क्यों हुआ इसके तह तक नहीं पहुंच पाई है। पुलिस प्रशासन को चाहिए कि दंगा क्यों हुआ इसके तह तक जाए। दंगा होने से पूर्व कौन से दो गुट थे, जो राम मंदिर के सामने भिड़े थे। उन दोनों गुट के बीच ऐसी क्या कहासुनी हुई, जिससे एक समुदाय के युवक भड़के। इसकी भी जांच पुलिस ने कर दंगे के के तह तक जाना जरुरी है। ऐसी क्या वजह थी, जिससे युवक इतने भड़के और उन्होंने पुलिस के वाहनों को आग के हवाले कर दंगे को अंजाम दिया। पुलिस ने दंगे के बाद सबसे पहले यह जांच करना चाहिए था कि आखिर दंगे की वजह क्या है? उसके तह तक पुलिस क्यों नहीं पहुंच पाई इसको लेकर भी कई सवाल शहर आम नागरिकों के मन में उठ रहे है।
वैसे, शहर के सीपी डॉ. निखिल गुप्ता शहर में शांति बनाए रखने के लिए हर संभव प्रयासों में जूटे हुए है। उन्होंने दंगे के रात जो तत्परता दिखाई, जिसके चलते दंगे के चंद घंटों बाद ही किराडपुरा में हालत सामान्य होकर जनजीवन पूर्व तरह सूचारु हुआ। इसका सारा श्रेय शहर पुलिस की तत्परता को जाता है। परंतु पुलिस प्रशासन जल्द से जल्द दंगा क्यों हुआ, इसके तह तक जाए। ताकि, सारे बाते खुलकर जनता के सामने आए और भविष्य में ऐसे दंगे शहर में ना हो इसको लेकर पुलिस प्रशासन अलर्ट रहे।