औरंगाबाद

Published: Dec 27, 2021 08:44 PM IST

Aurangabad Municipal Corporationजानें क्यों पीएफ कार्यालय ने नगर निगम प्रशासन के खिलाफ कार्रवाई कर 10 करोड़ की राशि रोकी

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
कंटेन्ट एडिटरनवभारत.कॉम
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औरंगाबाद : महानगरपालिका (Municipal Corporation) को ठेका (Contract) पध्दति पर कर्मचारियों (Employees) की आपूर्ति (Supply) करने वाली एजेंसियों और बचत गुटों को प्रशासन द्वारा कामगारों की रकम अदा करते समय उनके पीएफ की राशि अदा की गई। लेकिन, उन निजी एजेंसी धारकों और बचत गुटों द्वारा कामगारों के पीएफ की राशि पीएफ कार्यालय में जमा न करने से पीएफ कार्यालय ने महानगरपालिका प्रशासन के खिलाफ कार्रवाई का मोर्चा खोलकर हाल ही में महानगरपालिका के खाते से 10 करोड़ की राशि ब्लॉक की है। पीएफ कार्यालय द्वारा 10 करोड़ की राशि ब्लॉक करने की कार्रवाई से  महानगरपालिका प्रशासन सक्ते में है। प्रशासन द्वारा इस मामले का हल निकालने के लिए सोमवार को दिन भर उठा पठक जारी थी।

गौरतलब है, कि महानगरपालिका में ठेका पध्दति पर कर्मचारियों की भर्ती करने के लिए निजी एजेंसी और बचत गुटों की मदद बीते कई सालों से ली जा रही है। महानगरपालिका प्रशासन द्वारा निजी एजेंसी और बचत गुटों को कर्मचारियों के वेतन की राशि अदा करते समय पीएफ की राशि भी अदा की गई। लेकिन, महानगरपालिका को ठेका पध्दति पर  कामगारों की आपूर्ति करनेवाले निजी एजेंसियों ने पीएफ की राशि महानगरपालिका प्रशासन से हासिल करने के बाद भी उसे पीएफ कार्यालय में जमा नहीं किया। उधर, पीएफ कार्यालय ने इस मामले को गंभीरता से लेकर महानगरपालिका प्रशासन की टाउन प्लानिंग विभाग के खाते में जमा राशि के खाते से 10 करोड़ की राशि ब्लॉक की।

एजेंसी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी

पीएफ कार्यालय द्वारा की गई इस कार्रवाई से सोमवार को दिन भर खलबली मची हुई थी। इस मामले में पत्रकारों ने महानगरपालिका कमिश्नर आस्तिक कुमार पांडेय से सोमवार शाम मुलाकात करने पर उन्होंने साफ किया कि लिगल तौर पर महानगरपालिका प्रशासन से पीएफ की राशि मिलने पर निजी एजेंसी धारकों ने उसे अदा करना चाहिए था। प्रशासन ने अब तक निजी एजेंसी को कितनी रकम पीएफ राशि के रुप में अदा की गई, इसका डाटा जमा किया जा  रहा है। प्रशासन उक्त राशि निजी एजेंसी से वापस लेगा। जो कंपनी पीएफ राशि वापस नहीं लौटाएगा उस एजेंसी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

खाते से 10 करोड़ की राशि ब्लॉक की

कमिश्नर आस्तिक पांडेय ने बताया कि प्रशासन द्वारा पीएफ कार्यालय के अधिकारियों से इस मामले का हल निकालने के लिए सोमवार तक का समय मांगा गया था। लेकिन, पीएफ कार्यालय ने एक तरफा कार्रवाई करते हुए महानगरपालिका के खाते से 10 करोड़ की राशि ब्लॉक की। हम इस मामले का हल निकालने में जूटे हुए है। उधर, महानगरपालिका सूत्रों ने बताया कि महानगरपालिका को ठेका पध्दति पर कर्मचारियों को आपूर्ति करनेवाले ठेकेदारों ने कामगारों की पीएफ की राशि समय पर अदा करना बंधनकारक है। उसके बिना उनके बिल नहीं निकाले जाने चाहिए। इसके बावजूद उन ठेकेदारों के बिल निकाले गए। इन ठेकेदारों को अब तक महानगरपालिका प्रशासन ने राशि अदा कैसे की ? इस पर कई सवाल उठ रहे है।