औरंगाबाद

Published: Jun 17, 2021 11:24 PM IST

MGM University एमजीएम विश्वविद्यालय में विद्या शाखा अंतर्गत शुरु होंगे नए पाठयक्रम

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
कंटेन्ट एडिटरनवभारत.कॉम

औरंगाबाद. दो वर्ष पूर्व मराठवाड़ा (Marathwada) की राजधानी औरंगाबाद (Aurangabad) में स्थापित हुए प्रथम स्वयंअर्थ साहय एमजीएम विश्वविद्यालय (MGM University) में सभी विद्या शाखा अंतर्गत नए पाठयक्रमों (New Courses) शुरुआत की गई है। जून माह से आरंभ होनेवाले नए शैक्षणिक वर्ष में इन पाठयक्रमों के लिए छात्रों को प्रवेश आरंभ किया गया है। यह जानकारी एमजीएम विश्वविद्यालय के कुलगुरु डॉ. विलास सपकाल तथा कुलसचिव डॉ. आशीष गाडेकर ने आयोजित प्रेस वार्ता में दी।

उन्होंने बताया कि एमजीएम विश्वविद्यालय में बेसिक एंड अप्लाईड साइन्स, इंजीनियरिंग एंड टेक्नॉलाजी, मैनेजमेंट एंड कॉमर्स, परफॉर्मिंग आर्टस, सोशल साइन्सेस एंड हयुमॅनाटिज एज्यूकेशन इन विद्या शाखा के स्नातक, स्नातकोत्तर, डिप्लोमा और प्रमाणपत्र पाठयक्रम उपलब्ध है। कोई भी विद्या शाखा के पाठयक्रम के लिए मराठवाडा के छात्रों को बहुत दूर जाने की जरुरत ना पड़े, साथ ही उन्हें उच्च शिक्षा मिले, इसके लिए एमजीएम विश्वविद्यालय ने कुछ नए पाठयक्रमों की शुरुआत की है। कॉमर्स, व्यवस्थापन तथा तकनीकी ज्ञान इन सभी बातों को एक साथ रखकर इंडस्ट्री कनेक्ट वाला बीबीए फिन-टेक यह तीन साल का स्नातक पाठयक्रम मराठवाडा में पहली बार एमजीएम विश्वविद्यालय में शुरु किया गया। बदलते काल के अनुसार लोगों के जीवन शैली में बड़ा बदलाव हो रहा है। योग्य आहार, पोषण आदि बातों के लिए अब लोग जागरुक हो रहे है। इस संबंध में शास्त्रीय पाठयक्रम तथा संशोधन के क्षेत्र में अब खूब अवसर उपलब्ध हो रहे है, इसको लेकर फूड न्यूट्रीशन एंड डायटेटीक्स में बीएससी पाठयक्रम की शुरुआत की गई है। 

संक्रमित बीमारियों पर अभ्यास करने अलग-अलग पाठयक्रम आरंभ 

वर्तमान में कोरोना प्रादुर्भाव जारी है, आगामी काल  में संक्रमण फैलानेवाली बीमारियां बड़े पैमाने पर पांव फैलाने के आसार है इसलिए कीटाणु-विज्ञान तथा वायरल अभ्यास और संशोधन की जरुरत को पहचानकर एमजीएम विश्वविद्यालय में एमएससी मायक्रोबायोलॉजी एंड वॉयरोलॉजी तथा एमएससी स्टेम सेल एंड टिश्यु इंजीनियरिंग यह दो साल का  डिग्री पाठयक्रम शुरु किए जाने की जानकारी कुलगुरु डॉ. आशीष गाडेकर ने दी। उन्होंने बताया कि भाषिक पाठयक्रम में मराठी, हिंदी और उर्दू भाषा में स्नातकोत्तर डिग्री पाठयक्रम की शुरुआत की गई है। यह सभी पाठयक्रम सिर्फ भाषिक अध्यान से संबंधित नहीं है, बल्कि वे माध्यम से कंटेट रायटिंग, भाषांतर जैसे व्यवसायिक कौशल्य विकसित करने की ओर बढ़ावा दिया गया है।