औरंगाबाद

Published: Apr 14, 2021 07:57 PM IST

Aurangabadपुलिस की पिटाई से सलून चालक की मौत!

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
कंटेन्ट एडिटरनवभारत.कॉम

औरंगाबाद. शहर में जारी लॉकडाउन (Lockdown) के बीच उस्मानपुरा परिसर में एक सलून चालक को दूकान खोलने को लेकर पुलिस (Police) द्वारा की गई पिटाई में उसके मौत (Death) होने का मामला सामने आया है। इस घटना के बाद सलून चालक की मौत के लिए उसके परिवार वालों ने पुलिस को दोषी मानकर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की। इस घटना के बाद काफी देर तक उस्मानपुरा थाना परिसर में तनाव ब्याप्त था। मामले को गंभीरता को जानकर शहर के सीपी डॉ. निखिल गुप्ता (CP Dr. Nikhil Gupta), सांसद इम्तियाज जलील (MP Imtiaz Jalil) ने घटना स्थल पहुंचकर नागरिकों को समझाया। इधर, सीपी डॉ. गुप्ता ने इस घटना के बाद उस्मानपुरा थाना के पीआई का आनन-फानन में तबादला किया। 

मिली जानकारी के अनुसार, उस्मानपुरा परिसर में एसएस सलून नामक दुकान दोपहर के समय खुली हुई  थी। उस समय दुकान का आधा शटर खुला था। कुछ बच्चे दुकान की सफाई कर रहे थे। उस समय सलून का आधा शटर खोलकर वे व्यवसाय करने के फिराग में थे। उसी समय एक पुलिस अधिकारी और कर्मचारी उक्त सलून दुकान पर पहुंचे। वहां उन्होंने दुकान खोली होने को लेकर सख्त कार्रवाई की करने की चेतावनी देते हुए दुकानदार को बुलाने को कहा। जैसे ही दुकानदार फिरोज खान सलून पर पहुंचा, तभी पुलिस कर्मियों ने उसके साथ पैसों को लेकर विवाद खड़ा कर उसे थप्पड जड़ा। थप्पड में सलून चालक जमीन पर नीचे जा गिरा। इस घटना में फिरोज खान गंभीर रुप से घायल होकर उसके सिर पर गंभीर चोट आई। इस घटना के कुछ समय बाद ही फिरोज खान की मौत हो गई। 

पुलिस कमिश्नर ने किया पीआई का तबादला

घटना की जानकारी आस-पास के लोगों को पता चलने पर वे मृतक फिरोज की बॉडी  लेकर सीधे उस्मानपुरा थाना पहुंचे। उन्होंने वहां काफी देकर हंगामा किया। इधर, घटना की गंभीरता को जानकर शहर के सीपी डॉ. निखिल गुप्ता, शहर के सांसद इम्तियाज जलील उस्मानपुरा थाना पहुंचे। उन्होंने मृतक के रिश्तेदार से काफी देर चर्चा की। चर्चा में मृतक के परिवारवालों ने पुलिस वालों पर मामला दर्ज करने की मांग की। साथ ही नागरिकों ने उस्मानपुरा थाना के पीआई का तबादला करने की मांग की। इस मांग पर सीपी डॉ. गुप्ता  ने तत्काल  पीआई का तत्काल तबादला करने की घोषणा की। उन्होंने नागरिकों को आश्वासन दिया कि इस मामले की जांच गहराई से कर दोषी पुलिस अधिकारी और कर्मचारी पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। जिसके बाद मामला शांत हुआ।