औरंगाबाद

Published: Jan 30, 2022 04:11 PM IST

Smart Kioskऔरंगाबाद में नागरिक सुविधाओं के लिए स्मार्ट किऑस्क कार्यान्वित

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
कंटेन्ट एडिटरनवभारत.कॉम

औरंगाबाद : औरंगाबाद स्मार्ट सिटी (Aurangabad Smart City) ने नागरिकों को तेज, पारदर्शी और कुशल सेवाएं (Fast, Transparent and Efficient Services) प्रदान करने के लिए ई-गवर्नेंस परियोजना (E-Governance Project) के तहत स्मार्ट  किऑस्क (Smart Kiosk) स्थापित किया है। महाराष्ट्र के पर्यटन, पर्यावरण और लोक निर्माण मंत्री आदित्य ठाकरे के हाथों स्मार्ट  किऑस्क  के उद्घाटन के बाद अब जोन 2, 7 और 9 में नागरिक सुविधा केंद्रों में  किऑस्क चालू हैं और नागरिक इसका लाभ उठा रहे हैं।

औरंगाबाद स्मार्ट सिटी ने  नगर कमिश्नर और प्रशासक और स्मार्ट सिटी के सीईओ आस्तिक कुमार पांडे के मार्गदर्शन में एक महत्वाकांक्षी ई-गवर्नेंस परियोजना शुरू की है। एजेंसी, मार्स टेलीकॉम को पिछले साल एक निविदा प्रक्रिया के बाद परियोजना को लागू करने के लिए काम पर रखा गया था। ई-गवर्नेंस के माध्यम से निगम के पूरे कामकाज को डिजिटल किया जाएगा। इसमें अब निगम के सभी विभागों का काम कंप्यूटर पर लाया जाएगा। इससे प्रशासन की दक्षता, गति और पारदर्शिता में वृद्धि होगी। साथ ही निगम द्वारा नागरिकों को प्रदान की जाने वाली विभिन्न सेवाएं अब ऑनलाइन उपलब्ध होंगी।

औरंगाबाद स्मार्ट सिटी के प्रोजेक्ट इंजीनियर फैज अली ने कहा कि ई-गवर्नेंस परियोजना अब नागरिकों को संपत्ति कर और पानी बिल दाखिल करने, शिकायत दर्ज करने, जन्म, मृत्यु और विवाह प्रमाण पत्र प्राप्त करने और घर पर अलग लाइसेंस जारी करने में सक्षम बनाएगी। इसके लिए नई सुविधाओं के साथ औरंगाबाद नगर निगम की वेबसाइट https://www.aurangabadmahapalika.org/  पर उपलब्ध है। फैज अली ने कहा, “ई-गवर्नेंस के कारण, एक शिकायत निवारण तंत्र विकसित किया जा रहा है। शिकायत विभाग को शिकायत प्राप्त होगी। यदि कर्मचारी इस मुद्दे पर समय पर कार्रवाई नहीं करते हैं तो शिकायत स्वचालित रूप से वरिष्ठ अधिकारियों को भेज दी जाएगी।

ई-गवर्नेंस के माध्यम से एनएमसी की उपायुक्त अपर्णा थेटे की देखरेख में एनएमसी के लगभग 5 लाख दस्तावेजों को स्कैन कर डिजिटल रूप से रिकॉर्ड किया जा रहा है और महानगरपालिका  के कर्मचारियों और अधिकारियों को चरणों में प्रशिक्षण दिया जा रहा है। नगर कमिश्नर और प्रशासक आस्तिक कुमार पांडेय ने  कहा कि महानगरपालिका में ई-गवर्नेंस परियोजना अब एक विकल्प नहीं बल्कि एक आवश्यकता है। नागरिकों को कार्यालय के चक्कर लगाने के बिना, सेवा के अधिकार के तहत हर समय खर्च किए बिना इन सेवाओं का सरल तरीके से लाभ उठाने में सक्षम होना चाहिए।