औरंगाबाद

Published: Jul 13, 2021 08:06 PM IST

Educationशिक्षण संस्थाओं को मनमानी फिस वसूलने ठाकरे सरकार का छुपा समर्थन, भाजपा प्रवक्ता बोरालकर का आरोप

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
कंटेन्ट एडिटरनवभारत.कॉम
औरंगाबाद. शिक्षा फिस निश्चिती के प्रस्ताव पर आज तक राज्य की ठाकरे सरकार (Thackeray Government) ने निर्णय न लेने से उसका खामियाजा अभिभावक और छात्रोंं को सहन पड़ रहा है। फिस निश्चिती प्रस्ताव पर ठाकरे सरकार जान बूझकर अनदेखी कर शिक्षण संस्था चालकों को मनमानी फिस वसूलने खुली छुट दे रही है। सरकार को इन शैक्षणिक संस्थाओं को मनमानी फिस वसूलने का छुपा समर्थन है। यह आरोप भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता शिरीष बोरालकर ने यहां लगाया।
उन्होंने सरकार को चेताया कि वे तत्काल फिस निश्चिती प्रस्ताव पर निर्णय ले, वरना सरकार को अभिभावकों के गुस्से का सामना करना पड़ेगा। बोरालकर ने कहा कि गत शैक्षणिक वर्ष में कोरोना महामारी के चलते शिक्षा का खेलखंडोबा होने के बाद इस साल भी ऑन लाईन स्कूल जारी है। इसके बावजूद संस्था चालक  अभिभावकों से  मनमानी फिस वसूल रहे हैं। शिक्षण संस्थाओं के मनमानी फिस वसूलने की नीति से हजारों परिवार का आर्थिक गणित बिगड़ा है। कोरोना महामारी के चलते गत डेढ़ साल से जारी लॉकडाउन में लोग आर्थिक परेशानियों से जुझ रहे है। इसी दरमियान शिक्षण संस्थाओं द्वारा मनमानी फिस वसूलने का गोरखधंधा जारी है।  
 

लॉकडाउन से स्कूल स्थापना के खर्च को लगा बड़ा ब्रेक

भाजपा प्रवक्ता बोरालकर ने बताया कि बीते डेढ़ साल से स्कूल बंद होने से शैक्षणिक संस्था चालकों के आस्थापना के खर्च को बड़े पैमाने पर ब्रेक लगा है।  वहीं, दूसरी और संस्थाचालक मनमानी फिस वसूली जारी रखें हुए है। राज्य की ठाकरे सरकार शैक्षणिक संस्थाओं की लूट खसोट से वाकिफ है, इसके बावजूद सरकार आंख मूंदकर तमाशा देख रही है। ऑन लाईन शिक्षा के लिए संस्था चालक अभिभावकों पर कम्प्यूटर, लैपटॉप और इंटरनेट का बोझ डाल चुके है। छात्रों के शैक्षणिक भविष्य से खेलनेवाले सरकार को अभिभावकों के विरोध के असंतोष का इंतजार न करते हुए तत्काल मनमानी फिस वसूलने पर ब्रेक लगाने की मांग भाजपा प्रवक्ता शिरीष  बोरोलकर ने की। अंत में उन्होंने बताया कि स्कूल बंद होने के कारण स्कूल में जिन सुविधाओं का इस्तेमाल नहीं हो रहा हैं। उसका शुल्क न वसूलने के स्पष्ट निर्देश सुप्रीम कोर्ट के है। इसके बावजूद राज्य के कई शिक्षण संस्था चालक  छात्रों से पूरी फिस वसूल रहे है। फिस अदा न करने पर ऑन लाईन क्लास में प्रवेश नहीं दिया जा रहा है। जिससे छात्रों में अपने भविष्य को लेकर चिंता सता रही है। शिक्षण संस्था चालकों की जारी मनमानी पर तत्काल रोक लगाने की मांग भाजपा प्रवक्ता  बोरालकर ने की।