औरंगाबाद

Published: Jul 15, 2022 06:12 PM IST

Maratha Reservationविनोद पाटिल ने शिंदे-फडणवीस सरकार से लगाई गुहार, कहा- आपने आरक्षण दिया है और इसे बचाना आपकी जिम्मेदारी

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
कंटेन्ट एडिटरनवभारत.कॉम

औरंगाबाद : राज्य के तत्कालीन फडणवीस सरकार ने मराठा समाज (Maratha Society) को 12 प्रतिशत आरक्षण देने का निर्णय लिया था। मुंबई हाईकोर्ट (Mumbai High Court) ने मराठा समाज के आरक्षण (Reservation) पर मुहर लगाकर उसे कानूनी योग्य ठहराया। लेकिन, दुर्भाग्य से सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में मराठा आरक्षण रदद (Reservation Cancelled) हुआ है। आरक्षण रदद होने के बाद तत्कालीन ठाकरे सरकार द्वारा मराठा समुदाय को आरक्षण देने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए। जिससे मराठा समाज काफी निराश है। राज्य में सत्ता परिवर्तन हुआ है। 

मराठा आरक्षण आप ने दिया था, उसे बचाए रखना भी आपकी जिम्मेदारी है। यह गुहार आर.आर. पाटिल फाउंडेशन के अध्यक्ष और मराठा नेता विनोद पाटिल ने राज्य में गठित नई शिंदे-फडणवीस सरकार से लगायी है। उन्होंने मराठा समुदाय को आरक्षण की सहूलियत मिलने तक राज्य सरकार ने सरकारी /निमसरकारी / अनुदानित / बिना अनुदानित सभी संस्थाओं / स्कूल और महाविद्यालय में केजी टू पीजी मुफ्त शिक्षा देने की घोषणा करने की मांग की। विनोद पाटिल ने शिंदे-फडणवीस सरकार से विनंती करते हुए कहा कि मराठा समाज को आरक्षण देने के लिए तत्काल पिछड़ा आयोग का गठन करे अथवा वर्तमान स्थिति में कार्यरत पिछड़ा आयोग में एक समिति का गठन करें। इस समिति को संवैधानिक दर्जा दिया जाए। साथ ही विशिष्ट समयावधि में आयोग की ओर से मराठा समाज के परिस्थति के बारे में रिपोर्ट ले। विनोद पाटिल ने बताया कि न्यायालय के विविध निर्णयों में बार-बार 50 प्रतिशत की सीमा बतायी गयी है। 

12 प्रतिशत आरक्षण मराठा समाज को दिया जाए

वर्तमान स्थिति में एससी-13 प्रतिशत, एसटी-7 प्रतिशत, भांटी आयोग के अनुसार ओबीसी 18 प्रतिशत, कुल 38 प्रतिशत पर ही आरक्षण है। इसमें अभी 12 प्रतिशत आरक्षण बाकी है। ऐसे में राज्य सरकार के पास दो ही पर्याय है। विनोद पाटिल ने बताया कि बाकी 12 प्रतिशत आरक्षण मराठा समाज को दिया जाए।  जिससे किसी भी प्रकार के मूल ओबीसी को आरक्षण को नुकसान नहीं होगा। या फिर सुप्रीम कोर्ट में प्रलंबित पुनर्विचार याचिका में अभ्यासपूर्ण पैरवी करते हुए  मराठा आरक्षण को 12 प्रतिशत आरक्षण देने के निर्णय पर मुहर लगाकर मराठा समाज को न्याय देने की मांग आर.आर. पाटिल फाउंडेशन के अध्यक्ष और मराठा नेता विनोद पाटिल राज्य की शिंदे-फडणवीस सरकार से की है।