महाराष्ट्र

Published: Jan 28, 2024 09:22 PM IST

Maratha Reservation'CM एकनाथ शिंदे ने मनोज जरांगे को किया गुमराह, मराठा समुदाय की प्रमुख मांगे नजरअंदाज', संभाजी ब्रिगेड का गंभीर आरोप

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

मुंबई. मराठा आरक्षण (Maratha Reservation) आंदोलन के नेता मनोज जरांगे (Manoj Jarange) ने महाराष्ट्र सरकार द्वारा उनकी मांगें मान लिए जाने के बाद शनिवार को अपनी अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल खत्म कर दी। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने घोषणा की कि जब तक मराठों को आरक्षण नहीं मिल जाता, तब तक उन्हें ओबीसी को प्राप्त सभी लाभ मिलेंगे। अब इस मुद्दे पर जमकर राजनीति हो रही है। संभाजी ब्रिगेड के प्रदेश अध्यक्ष मनोज आखरे ने एकनाथ शिंदे पर मराठा समुदाय की प्रमुख मांगो को नजरअंदाज करने का आरोप लगाया है।

आखरे ने कहा, “मराठा समुदाय की प्रमुख मांगों को नजरअंदाज कर यह अध्यादेश पारित किया गया है। ये बिल्कुल गलत है। सरकार को 57 लाख रिकॉर्ड कभी नहीं मिले। इसलिए सरकार ने मनोज जरांगे को गुमराह किया है। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने अब तक जो भी कहा है वह पूरी तरह से झूठ है।”

शिंदे सरकार ने मराठा समुदाय को धोखा दिया

मनोज आखरे ने कहा, “मराठों और कुनबियों को अलग-अलग दिखाने की कोशिश की जा रही है। मुख्यमंत्री को इस पर स्पष्टीकरण देना चाहिए।” आखरे ने कहा, “सरकार ने मराठा समुदाय को धोखा दिया गया है। मराठा समुदाय को ओबीसी में शामिल करने की मांग अभी भी अधूरी है। मनोज जरांगे को गुमराह किया जा रहा है, लेकिन ये उन्हें समझ नहीं रहा है।”

भुजबल देवेंद्र फडणवीस का मोहरा

मनोज आखरे ने भुजबल पर निशाना साधते हुए कहा, “अगर भुजबल में सामाजिक जागरूकता होती तो वे सांप्रदायिक तनाव पैदा करने का काम नहीं करते। भुजबल ने दोनों जातियों के बीच दरार पैदा करने का काम किया है। भुजबल देवेंद्र फडणवीस के मोहरे के रूप में काम कर रहे हैं।”