महाराष्ट्र

Published: Jan 10, 2024 08:21 PM IST

Anti Defection Lawपूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने की दल-बदल विरोधी कानून में बदलाव की मांग, कही ये बात

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

पुणे: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पृथ्वीराज चव्हाण (Prithviraj Chavan) ने बुधवार को दल-बदल विरोधी कानून (Anti Defection Law) में व्यापक बदलाव की जरूरत पर जोर देते हुए दावा किया कि निर्वाचित सदस्य ‘‘बेशर्मी से” दल-बदल कर रहे हैं। दल-बदल विरोधी कानून (दसवीं अनुसूची) किसी राजनीतिक दल के सदस्यों, निर्दलीय सदस्यों और नामांकित सदस्यों द्वारा संसद या राज्य विधानसभाओं में दल-बदल की स्थितियों से निपटता है और सदस्य की अयोग्यता का आधार बनाता है।

महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने बुधवार को कहा कि 21 जून, 2022 को जब प्रतिद्वंद्वी समूहों का उदय हुआ तो शिवसेना का एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाला धड़ा ही ‘असली राजनीतिक दल’ (असली शिवसेना) था। चव्हाण ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘शिवसेना के 16 विधायकों (एकनाथ शिंदे खेमे से जुड़े) की अयोग्यता पर महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष का फैसला महाराष्ट्र की राजनीति में महत्वपूर्ण होगा। यह सभी दलों के लिए महत्वपूर्ण होगा।”

चव्हाण ने कहा कि जब अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली सरकार सत्ता में थी तब दल-बदल विरोधी कानून में संशोधन किया गया था, लेकिन इसका उद्देश्य सफल होता नहीं दिख रहा है। पूर्व मुख्यमंत्री चव्हाण ने कहा, ‘‘निर्वाचित सदस्यों द्वारा दल-बदल खुलेआम हो रहा है। मेरा मानना है कि इस कानून को पूरी तरह से बदला जाना चाहिए।”

नार्वेकर द्वारा अयोग्यता याचिकाओं पर आदेश सुनाने में 18 महीने की देरी का जिक्र करते हुए चव्हाण ने कहा कि यह व्यवस्था की विफलता है जो दल-बदल विरोधी कानून को बदलने के उनके तर्क को मजबूत करती है। नार्वेकर द्वारा फैसले सुनाए जाने से पहले, चव्हाण ने कहा कि अगर विधानसभा अध्यक्ष द्वारा कोई अलग निर्णय दिया जाता है, तो उच्चतम न्यायालय का रुख करने की जरूरत है।(एजेंसी)