Maharashtra MLA Disqualification

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मुंबई: उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) को बुधवार को बड़ा झटका लगा है। विधानसभा स्पीकर राहुल नार्वेकर (Rahul Narvekar) ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) और उनके गुट के अन्य विधायकों की सदस्यता बरकरार रखी है। उन्होंने कहा कि उन्होंने ऐसा चुनाव आयोग के शिंदे की शिवसेना को असली शिवसेना के बताने के फैसले के आधार पर किया है। उद्धव ठाकरे के पास एकनाथ शिंदे को पार्टी से हटाने का अधिकार नहीं था। ये अधिकार सिर्फ पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के पास है। साथ ही उन्होंने कहा कि शिवसेना का 1999 का संविधान ही सर्वमान्य और सर्वोपरि है। इसमें किया गया संशोधन निर्वाचन आयोग के रिकॉर्ड पर नहीं है। 

शिंदे गुट को ही असली शिवसेना

राहुल नार्वेकर ने फैसले के दौरान शिंदे गुट को ही असली शिवसेना माना है। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग ने भी शिंदे गुट को ही असली शिवसेना का दर्जा दिया है। सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का पालन करते हुए मैने निर्वाचन आयोग के निर्णय का भी ध्यान रखा है। बता दें कि उद्धव ठाकरे ने चुनाव आयोग के फैसले को शीर्ष अदालत में चुनौती दी थी। उन्होंने कहा कि शिवसेना का 1999 का संविधान ही सर्वमान्य और सर्वोपरि है। इसमें किया गया संशोधन निर्वाचन आयोग के रिकॉर्ड पर नहीं है। 

ठाकरे के पास नहीं था शिंदे को हटाने का अधिकार 

राहुल नार्वेकर ने कहा, ”शिवसेना पार्टी प्रमुख के पास किसी को भी पार्टी से निकालने की शक्ति नहीं है। एकनाथ शिंदे को हटाने का अधिकार ठाकरे के पास नहीं था। पार्टी से निष्कासन का फैसला राष्ट्रीय कार्यकारिणी से चर्चा के बाद ही लिया जा सकता था । इसलिए एकनाथ शिंदे को उन्हें विधायी समूह के नेता पद से हटाने का कोई अधिकार नहीं है।”

शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना और उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाले प्रतिद्वंद्वी धड़े द्वारा एक-दूसरे के विधायकों के खिलाफ दायर अयोग्यता याचिकाओं पर अपना फैसला पढ़ते हुए नार्वेकर ने यह भी कहा कि शिवसेना (यूबीटी) के सुनील प्रभु 21 जून, 2022 से सचेतक नहीं रहे।