महाराष्ट्र

Published: Jun 11, 2021 07:15 AM IST

Fineपेड़ काटा तो ₹10,000 जुर्माना, आपराधिक कार्रवाई के साथ आर्थिक दंड भी

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
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नाशिक. कई लोग आपराधिक कार्रवाई से डरते नहीं हैं क्योंकि शहर में कई पेड़ काटे (Cut Trees) जा रहे हैं। 9 जून को हुई वृक्ष प्राधिकरण समिति की बैठक में संरक्षित सूची में पेड़ों को काटने पर 10 हजार रुपये जुर्माना (Fine) लगाने का निर्णय लिया गया है। इस बीच गंगापुर रोड (Gangapur Road) और दिंडोरी रोड (Dindori Road) पर बीच सड़क पर पेड़ काटने का विरोध पिछले कई सालों से कम नहीं हुआ है, लेकिन कोर्ट की अनुमति से इन 29 खतरनाक पेड़ों को पुनर्रोपण करने का फैसला लिया गया है। 

समिति की बैठक वृक्ष प्राधिकरण समिति के अध्यक्ष कैलाश जाधव की अध्यक्षता में हुई। इस बार फैसला लिया गया कि नाशिक शहर में पेड़ काटते समय मनपा की अनुमति नहीं ली जाती, महानगरपालिका कार्रवाई भी करती है तो उसका उपयोग नहीं होता। पार्क विभाग द्वारा पुलिस में शिकायत दर्ज कराई जाती है, लेकिन आगे कुछ नहीं होता है। इसलिए अब आपराधिक कार्रवाई के साथ-साथ आर्थिक दंड भी लगाया जाएगा।

29 पेड़ों को फिर से लगाने का फैसला

बड और पीपल जैसे 18 पेड़ सरकार द्वारा संरक्षित वृक्षों की निर्धारित सूची में हैं यदि इन्हें काटा जाता है तो आपराधिक कार्रवाई के साथ-साथ 10,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया जाएगा। पार्क के उपायुक्त शिवाजी आमले ने बताया कि जो पेड़ संरक्षित पेड़ों की सूची में नहीं हैं, उन्हें काटा जाता है, तो आपराधिक कार्रवाई के साथ-साथ 5,000 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा। इससे पहले कुंभ मेले के अवसर पर नाशिक शहर में सड़क चौड़ी करने के दौरान पेड़ों की कटाई को लेकर बड़ा विवाद हो गया था। हाईकोर्ट ने आदेश दिया था कि सड़क के बीचों-बीच बड और पीपल जैसी 5 प्रमुख प्रजातियों के पेड़ों को नहीं काटा जाए। इस पर दो अतिवादी मत थे। अब ऐसे 29 पेड़ों को फिर से लगाने का फैसला किया गया है। बैठक में प्रो. वर्षा भालेराव, अधिवक्ता अजिंक्य साने, खाड़े सहित अन्य सदस्य एवं अधिकारी उपस्थित थे।