जलगांव

Published: Jan 09, 2023 10:38 AM IST

CM Eknath ShindeCM एकनाथ शिंदे का अलग अंदाज़, विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा सलमान खान का 'ये' फेमस डायलॉग

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

जलगांव : महाराष्ट्र (Maharashtra) की राजनीति में आये दिन कुछ न कुछ नया देखने को मिलता है। उद्धव ठाकरे की  शिवसेना से अलग होने के बाद एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) ने मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी ली। तब से उनकी कही लोग आलोचना कर रहे हैं। विपक्ष हमेशा किसी न किसी बात को लेकर एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) की आलोचना करते है। वहीं, दूसरी तरफ एकनाथ शिंदे विपक्ष को कहानियां और फिल्म के डायलॉग्स सुनाकर चिढ़ा रहे हैं।

हाल में उन्होंने कुछ ऐसा ही किया। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (CM Eknath Shinde) हाल ही में जलगांव दौरे पर थे, तब भी उन्होंने विपक्ष पर हमले किए थे। एकनाथ शिंदे ने न सिर्फ विपक्ष पर हमला बोला बल्कि जलगांव की जनता को उनके काम करने के तरीके के बारे में बताते हुए कहा कि, ‘एक बार जो मैंने कमिटमेंट कर दी फिर तो मैं अपने आप की भी नहीं सुनता।’

मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (CM Eknath Shinde) कल जलगांव के दौरे पर थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि, ‘सीएम का मतलब चीफ मिनिस्टर। लेकिन मैं कहता हूं कॉमन मैन। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने सीएम शब्द का मतलब आम आदमी बताया।’

एकनाथ शिंदे (CM Eknath Shinde) ने कहा, गिरीश भाऊ हमारे खिलाड़ी हैं, सारे खेल खेलने वाले खिलाड़ी हैं, विदेश में खिलाड़ियों को भेजने वाला यह पहले मंत्री है। उन्होंने कहा कि, बडगुजर समाज छोटा है, लेकिन लोग बड़े हैं। बडगुजर कौम भले ही छोटी है, लेकिन आपकी एकता जरूरी है। एकनाथ शिंदे ने कहा, ‘अगर हम सभी बड़गुजरों को एक कर दें तो सोचिए कि गूजरों के पास कितनी ताकत होगी।’

उन्होंने कहा कि, ‘किसानों के लिए मेरे मन में बहुत प्यार और स्नेह है। उनके जीवन स्तर में भी बदलाव होना चाहिए। उनके जीवन में अच्छे दिन आने चाहिए। यह समाज के हर वर्ग की सरकार है। यह सरकार कम समय में लोकप्रिय हो रही है। 30 हजार जलापूर्ति योजनाओं की स्वीकृति भी एक रिकॉर्ड है। शहरी क्षेत्रों के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों के साथ न्याय करने का प्रयास कर रहे हैं। हमने साहसिक फैसले लिए। उन्होंने कहा कि पेट्रोल-डीजल के दाम कम करने का फैसला कोई नहीं ले रहा था, हमने किया।’

मुख्यमंत्री ने कहा, ‘हम हमेशा जमीन पर काम करने वाले कार्यकर्ता रहे हैं। सत्ता की हवा कभी हमारे सिर नहीं चढ़ेगी। भरोसा रखें कि सरकार आपके साथ है। आचार संहिता के तौर पर मैं इतना ही कह सकता हूं कि हॉस्टल का मुद्दा इतना बड़ा नहीं है।  समझनेवाले को इशारा काफी है।