जलगांव
Published: Nov 17, 2022 03:21 PM ISTDistrict Milk Union Electionजलगांव जिला दुग्ध संघ चुनाव: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी-खडसे और बीजेपी-शिंदे गुट के बीच होगा मुकाबला!
जलगांव : जलगांव जिला दुग्ध संघ (Jalgaon District Milk Union) के आम चुनाव (Election) की घोषणा हुए 15 दिन हो चुके हैं, लेकिन अभी इस चुनाव के लिए मतदान के 24 दिन शेष बचे हैं। दुग्ध संघ के चुनाव की समय सीमा समाप्त होने पर 360 इच्छुक उम्मीदवारों (Interested Candidates) ने नामांकन दाखिल किया, तदनुसार, 179 नामांकन आवेदन दाखिल किए गए हैं और जांच के अंत में 114 नामांकन पत्र वैध पाए गए। रावेर तहसील से श्रवण ब्रम्हे निर्विरोध निर्वाचित हुए हैं। एरंडोल तहसील से सुभाष पाटिल ने नाम वापस ले लिया है। नाम वापसी के लिए अभी 12/13 दिन बाकी हैं, लेकिन इस अवधि में बहुत के उम्मीदवार नाम वापस लें सकते हैं, उसके बाद ही स्पष्ट होगा कि कितने उम्मीदवार संघ का चुनाव लड़ रहे हैं। महाविकास आघाड़ी खासकर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी गुट की ओर से डॉ. सतीश पाटिल ने जिला दुग्ध संघ के लिए सर्वदलीय गठबंधन का आह्वान किया था।
लेकिन ऐसा लगता है कि दूध संघ का चुनाव सर्वदलीय पैनल से निर्विरोध हो पाना संभव नहीं है। जिला दुग्ध संघ के आम चुनाव की घोषणा से पहले और घोषणा के बाद अब तक की प्रगति पर नजर डालें तो तस्वीर साफ होती है कि जिला दुग्ध संघ के चुनाव में बीजेपी के खिलाफ महाविकास आघाड़ी की जगह तस्वीर साफ नजर आ रही है। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी-खडसे गुट, बीजेपी-शिंदे गुट के खिलाफ जंग होने के प्रबल आसार हैं।
जिला दुग्ध संघ में प्रशासक नियुक्त किए गए, लेकिन पूर्व मंत्री एकनाथ राव खडसे ने अदालत के फैसले के अनुसार स्थिति के अनुसार एक आदेश प्राप्त करके फिर से निदेशक मंडल के मामलों को संभालने में कामयाबी हासिल की। इसी दौरान तत्कालीन प्रशासक विधायक मंगेश चव्हाण ने दुग्ध संघ में दूध और दुग्ध उत्पादों की खरीद में धोखाधड़ी और गबन को लेकर निदेशक और अध्यक्ष के खिलाफ नगर पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई। फिर गत 30 अक्टूबर को दुग्ध संघ के चुनाव कार्यक्रम की घोषणा की गई।
एकनाथ खडसे ने औरंगाबाद खंडपीठ में आरोप लगाया था कि जिला दुग्ध संघ और मक्खन मंत्रियों के साथ विधायकों की ओर से देखे जा रहे थे और चुनाव नामांकन दाखिल करते समय निर्वाचन क्षेत्र और उम्मीदवारी के नियमों को तोड़ा गया था, लेकिन खंडपीठ ने फैसला किया है कि जिले और तहसील की चुनावी सूची एक ही है और उम्मीदवारों को आरक्षित निर्वाचन क्षेत्रों को छोड़कर किसी भी निर्वाचन क्षेत्र से नामांकित किया जा सकता है। कुल मिलाकर जिला बैंक चुनाव में अकेले दम पर सत्ता हासिल करने वाला खडसे माविया गुट जिला दुग्ध संघों के लिए इस समय चुनौती बनता नजर आ रहा है।