जलगांव

Published: Oct 06, 2022 05:16 PM IST

Pits on Roadशहर की सड़कें कब होंगी गड्ढों से मुक्त फंड मंजूर फिर, भी नहीं हो रहा मरम्मत का काम

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
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जलगांव : जलगांव (Jalgaon) के लोग कई वर्षों से सड़कों (Roads) पर बने गड्ढों (Pits) से जूझ रहे हैं। करोड़ों का फंड है, मंजूर है, लेकिन सड़कें नहीं बन रही हैं, इसलिए इस दिवाली कम से कम जनता को उम्मीद है कि जलगांव महानगरपालिका (Jalgaon Municipal Corporation), लोक निर्माण विभाग (Public Works Department) और इजारेदार शहर के ‘गड्ढों’ को साफ कर देंगे। शहर के गड्ढों को नहीं भरा जा रहा है, बल्कि इसके लिए मिले पैसे को बर्बाद किया जा रहा है, उसका भी अब मिलान नहीं हो सकता, इसलिए फिलहाल मंत्रालय से लेकर जलगांव तक चिट्ठियों का खेल चल रहा है। 

यह कहा गया है कि शहर की सड़कों पर गड्ढे एक अच्छी टीवी श्रृंखला बना सकते हैं। जलगांव महानगरपालिका चुनाव के दौरान शहर की सड़कों को सुचारू बनाने के लिए मंत्री द्वारा दिए गए वादे से लेकर मुख्यमंत्री द्वारा सड़कों के लिए दिए गए 42 करोड़ रुपए के फंड तक की कहानी अनोखी है। लेकिन बाद में शहर में 49 सड़कों का निर्माण होना था, काम लोक निर्माण विभाग को दिया गया, उन्होंने एक अधिकारी नियुक्त किया और जलगांव महानगरपालिका को दस सड़कों के काम के लिए एक अधिकारी को एनओसी देनी पड़ती और देने के बाद भी, काम शुरू करने में काफी दिक्कतें आई, इसलिए सड़क के गड्ढों को ढका नहीं गया है। 

दस सड़कों में से तीन सड़कों का निर्माण चल रहा है

शहर की 49 सड़कों को डामरीकृत किया जाना है, लेकिन दस सड़कों का काम देरी से चल रहा है, इनमें कई कठिनाइयां हैं, फिर सवाल यह है कि 39 सड़कों का काम कैसे होगा। दावा है कि स्वीकृत दस सड़कों में से तीन सड़कों का निर्माण चल रहा है। लेकिन सवाल यह है कि क्या इसे पूरा किया जाएगा, जबकि बाकी सात सड़कों का काम कब शुरू होगा, इसका आश्वासन देने को कोई तैयार नहीं है। 

सड़क पर गड्ढे होने से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा 

दावा किया जा रहा है कि शहर में सड़कों का काम चल रहा है। लेकिन इसका निरीक्षण न तो लोक निर्माण विभाग के अधिकारी करते हैं, न ही जलगांव महानगरपालिका के अधिकारी और कर्मचारी, किसी के पास काम का निरीक्षण करने का समय नहीं है। लेकिन दूसरी तरफ चिट्ठियों का खेल जारी है। जलगांव महानगरपालिका प्रशासन ने लोक निर्माण विभाग को पत्र लिखकर कहा है कि हमने आपको पांच करोड़ दिए हैं और किए गए कार्यों की जानकारी दी है।  लेकिन लोक निर्माण विभाग ने इसकी जानकारी नहीं दी है, अब महानगरपालिका के नगर विकास विभाग ने महानगरपालिका को पत्र लिखा है कि हमने शासन की ओर से स्वीकृत सौ करोड़ में से 62 करोड़ की धनराशि का प्रस्ताव प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है। हालांकि प्रशासन को यह भी बता दिया गया है कि अभी प्रस्ताव नहीं भेजा गया है। एक तरफ जहां फंडिंग को लेकर लेटर गेम चल रहा है, वहीं दूसरी तरफ सड़क का काम भी नहीं हो पाया है। लेकिन सड़क पर बने गड्ढों से लोगों को परेशानी हो रही है। इस वजह से जनता को पता ही नहीं चल पाता कि आखिर हो क्या रहा है।